NEWSPR डेस्क। देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर का चंडिका स्थान, जहां सती का बायां नेत्र गिरा था और यहां नेत्र की पूजा होती है। नवरात्रा में चंडिका स्थान में 9 दिनों तक माता की विशेष पूजा होती है। साथ ही कोरोना के दो साल बाद नवरात्रा के समय चंडिका स्थान का पट भक्तों के लिए खोला गया, जिस कारण पूजा करने वालों की भीड़ रात के 2 बजे से ही लग गई।
कोरोना के दो साल के बाद मुंगेर स्थित देश के चंडिका स्थान में भक्तों के मां की पूजा के लिए मुख्य द्वारा खोल दिया गया। जिसके बाद भक्तों का पूजा के लिए अहले रात के 2 बाजे से ही तांता लग गया। नवरात्रा के 9 दिन यहां विशेष पूजा को ले भक्तों का भारी भीड़ लगा रहता है। माता के भक्त सुबह से ही गंगा स्नान कर वहां से पैदल लगभग 3 किलो मीटर चल चंडिका स्थान पहुंचते है और मां को जल चढ़ाते है। और यह क्रम रात दो बजे से ही शुरू होता है, भक्त पहले लाइन में लग मां के पट के खुलने का इंतजार करते हैं और जैसे ही सरकारी पूजा और आरंती के बाद 4 बजे मां का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाता है।
उस समय से ही पूजा को ले भक्तों का जिसमे महिला , पुरुष युवा युवती है सभी का तांता लग जाता है। चंडिका स्थान के प्रधान पुजारी नंदन बाबा ने बताया की देश के 52 शक्तिपीठों में से एक चंडिका स्थान कोरोना के दो साल बाद माता के भक्तों को मौका मिला की वे नवरात्रा में मां चंडिका की पूजा कर सकें। इसको लेकर चंडिका स्थान न्यास समिति के द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है।
भक्त गंगा स्नान कर वहां से पैदल ही चंडिका स्थान पहुंचते हुआ और मां को जल चढ़ाते हैं। वहीं भक्तों ने बताया की दो साल बाद नवरात्रा में मां का दर्शन कर वे काफी खुश है और नवरात्रा के नौ दिन वे रोजाना अहले सुबह गंगा स्नान कर माता को जल चढ़ाने आते आते हैं। साथ ही बताया की चंडिका स्थान में जो भक्त सच्चे मन से मुरादे मांगते है माता उनकी हर मुराद पूरी करती है।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट