NEWSPR डेस्क। पटना लोक आस्था के महापर्व को लेकर तैयारी जोरों पर है। राजधानी पटना की गलियों में छठ गीत गूंजने लगे हैं। अभी से छठ व्रती तैयारी में जुट गए हैं। छठ करने वाले व्रती के परिजन सबसे पहले गंगा किनारे छठ घाट चुनने से अपनी तैयारी शुरू करते हैं। लेकिन, इस बार स्थिति ये है कि गंगा किनारे छठ घाट बनाने और चुनने से पहले स्थिति को जान लेना होगा। अभी गंगा किनारे घाट बनाने की स्थिति नहीं है। गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ गया है।
पटना जिला प्रशासन ने छठ व्रतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी जारी की है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में गंगा का जलस्तर इस बार सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है। बढ़ा हुआ जलस्तर लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। जिला प्रशासन का कहना है कि अभी छठ घाट बनाना या चुनना ठीक नहीं होगा। नगर निगम ने भी लोगों से अभी गंगा किनारे छठ घाट नहीं बनाने की अपील की है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को छठ घाटों का निरीक्षण किया था। उधर, प्रशासन का कहना है कि दीघा से लेकर कलेक्ट्रेट तक अभी घाटों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। कारण गंगा का जलस्तर कम होने का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल, घाटों की बैरिकेंडिंग जारी है। प्रशासन का कहना है कि तबतक पानी निकल जाएगा। उसके बाद घाट का निर्माण शुरू किया जाएगा। जलस्तर कम होने के बाद ही गंगा के कटाव की स्थिति का पता चलेगा। उसके बाद वहां के दलदल का आंकलन किया जाएगा। तब घाट बनाये जाएंगे।
स्थानीय प्रशासन की ओर से कहा गया है कि गंगा के जलस्तर में 18 अक्टूबर की शाम से कमी आएगी। उसके बाद 19 अक्टूबर की सुबह से घाट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ये अनुमान वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट की ओर से लगाया गया है। प्रशासन के मुताबिक यदि अनुमान के अनुसार जलस्तर में कमी आती है, तब आसानी से छठ घाटों की व्यवस्था की जाएगी। उसका निर्माण शुरू होगा। क्योंकि, उसके बाद प्रशासन के पास सिर्फ 10 दिन का समय बचा रहेगा।