मुजफ्फरपुर में 46 फर्जी शिक्षक होंगे बर्खास्त, 75 और शिक्षकों पर लटकी है तलवार

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी और अनियमित नियुक्ति के आधार पर लंबे समय से नौकरी कर रहे शिक्षकों पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर निगम नियोजन इकाई में चिह्नित 46 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीपीओ स्थापना ने नगर आयुक्त को पत्र भेजा है। इन शिक्षकों की शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक योग्यता संदेह के घेरे में है। न तो विभाग को इनका डॉक्युमेंट मिला है, न ही इन शिक्षकों ने निगरानी पोर्टल पर खुद अपना डॉक्युमेंट अपलोड किया है।

डीपीओ स्थापना डॉ प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने बीइओ की ओर से दी गयी रिपोर्ट के आधार पर नियोजन इकाई के सचिव सह नगर आयुक्त को पत्र भेजकर नगर क्षेत्र में कार्यरत 46 शिक्षकों को सेवामुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है। साथ ही 15 दिनों के अंदर कार्रवाई से विभाग को अवगत कराने के लिए भी कहा गया है। सेवा बर्खास्त किये जाने वाले सभी 46 शिक्षक नगर निगम नियोजन इकाई के तहत नियुक्त थे।

नगर अवर निरीक्षक की ओर से डीपीओ स्थापना कार्यालय को ऐसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायी गयी थी, जिनकी शैक्षणिक योग्यता संदेह के घेरे में है। ये सभी शिक्षक एक नवंबर 2016 से कार्यरत हैं। डीपीओ डॉ मिश्र ने बताया कि नियोजन के समय से ही इन शिक्षकों की योग्यता संदेह के घेरे में है। निगरानी विभाग के पोर्टल पर इन शिक्षकों ने अपने शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र अपलोड नहीं कराये हैं।

डीपीओ ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के जारी निर्देश के अनुसार, अवैध या किसी भी प्रकार की अनिमितता या अमान्य संस्था से नियोजित शिक्षकों के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान करते हुए उन पर विधिसम्मत प्रक्रिया पूरी करते हुए सेवामुक्त किया जाना है। इसी आलोक में चिह्नित फर्जी शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सेवा समाप्ति वृहत दंड में आता है। ऐसे में इसकी सभी प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है। नियोजन इकाई के स्तर से दोषी शिक्षकों को भी पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

मुजफ्फरपुर जिले के आठ प्रखंडों में भी 75 फर्जी शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जिन पर कार्रवाई जल्द ही होगी। वहीं आठ प्रखंडों में ऐसे शिक्षकों की संख्या शून्य है। डीपीओ ने बताया कि सभी प्रखंडों के संबंधित नियोजन इकाई को पत्र भेज कर उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया पूरी करनी है। मीनापुर में 20, बंदरा में 8, पारू में 25, सरैया में 14 और मोतीपुर में 8 शिक्षक चिह्नित किए गए हैं।

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