सोनू भारती
चतराः झारखंड के चतरा जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसे देखकर कोई भी सोचने को मजबूर हो जाएगा कि हमारी प्रशासनिक व्यवस्था किस तरह कमजोर हो चुकी है। यहां अपने घर के बिस्तर पर आग में झुलसी नौवीं की एक छात्रा तड़प रही है। शरीर का 80 प्रतिशा हिस्सा जल चुका है उसे अपनी मौत का इंतजार है। क्योंकि राज्य के प्रशासन से उम्मीद टूट चुकी है।
कौन है यह बच्ची और कैसे हुआ हादसा
यह दर्द भरी दास्तां टंडवा प्रखंड मुख्यालय के लरंगा गांव की रहने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा जासो कुमारी की है। उलेखनीय है कि थाना क्षेत्र के टंडवा रांची मुख्य सड़क पर स्थित लरंगा गांव की जासो कुमारी अपनी अन्य सहेलियों के साथ बीते 27 जुन को गांव से सटे कोहबरवा चतरी जंगल स्थित पहाड़ियो मे फुटको (खुखड़ी) चुनने गई थी। इसी बीच पहाड़ के उपर नजदीक से गुजरी हाई टेंशन तार के चपेट मे कांती कुमारी, जासो कुमारी तथा बसंती कुमारी आ गई थी। जिससे कांती की मौत घटना स्थल पर ही हो थी। वहीं जासो कुमारी व मृतिका की सगी बहन बंसती गंभीर रुप से घायल हो गई।
कोरोना के कारण नहीं हुआ इलाज
घटना के बाद गंभीर रुप से घायल जासो को सदर अस्पताल हजारीबाग भेजा गया। पर वहां भी कोरोना काल मे उसे सही इलाज नही मिला उसके पिता की आर्थिक स्थिति वैसी नही जो अपनी बेटी की इलाज अच्छे अस्पताल मे करा सके। घायल छात्रा जासो के सहयोग के लिए अब तक किसी का हाथ आगे नही बढ़ा है। वहीं जिस एनटीपीसी के ट्रांसमिशन लाइन के चपेट में आकर बच्ची गंभीर रूप से झुलसी, उस कंपनी के किसी अधिकारी ने कोई सुध लेना जरुरी नहीं समझा। यहां तक कि कोई एनजीओ भी सामने नहीं आया। फिलहाल जासो का इलाज घऱ में ही किया जा रहा है। बिजली के चपेट मे आई जासो की स्थिति इसी से लगाया जा सकता है कि वह बिस्तर से एक बार पलट भी नही सकती। आर्थिक तंगी के बाद अस्पताल से घर आई जासो हमेशा पेट के बल सोई रहती है। घायल जासो के परिजन ने उपायुक्त को इस ओर ध्यानाकृष्ट कराते हुए सरकारी मदद करने की अपील किया है। ताकि गरीब छात्रा का सही इलाज किया जा सके।
लोगों ने किया था एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के एनटीपीसी पावर प्लांट तक गई 132 केवी डीसी ट्रांसमिशन लाइन लगाने में लापरवाही के कारण लरंगा गांव की कांती कुमारी की जान चली गई। बताया गया कि डीवीसी के नॉर्थ करणपुरा के पिपरवार स्थित सब स्टेशन से एनटीपीसी प्लांट में प्रयोजनार्थ टावर के माध्यम से बिजली लाई गई है। जिसे राहम पंचायत अंतर्गत लरंगा के संरक्षित वन क्षेत्र स्थित टावर संख्या 50 से 61 के बीच झूल रहे तार के चपेट में आने से कांती की मौत के बाद ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए डीवीसी पर तार लगाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि डीवीसी द्वारा प्रावधान के अनुरुप लाइन के देख रेख को लेकर कर्मी को भी नहीं लगाया गया है। जिससे वन्य जीव के साथ साथ आसपास में निवास कर रहे लोगों पर खतरा मंडरा रहा रहा है।