पटना डेस्क
पटनाः कोरोना लाकडाउन के दौरान सरकारी निर्देश का प्राइवेट स्कूलों ने किस तरह मखौल उड़ाया, इसका एक बेहतर उदाहरण सामने आया है। जहां एक स्कूल के मैनेजमेंट का काम संभाल रही एक महिला से लाकडाउन के दौरान स्कूल का फीस देने के लिए एक छात्र की मां पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। जब छात्र की मां ने मैनेजमेंट से इस बारे में जानकारी मांगी तो कोई जवाब नहीं दिया गया, बल्कि उसकी जगह मैनेजमेंट ने महिला के साथ न सिर्फ बदतमीजी की, बल्कि उन्हें कमरे से बाहर जाने के लिए कह दिया गया।
यह सारा मामला विशप स्कार्ट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरहमपुर जगनपुरा पटना का है, जिसका एक विडियो सामने आया है। जिसमें स्कूल प्रबंधन से फी लिए जाने को लेकर जानकारी मांगे जाने पर यह बताया जाता है कि सरकार से मामले को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, जो सरकार के कथनी और करनी में फर्क को दर्शाता है। सामने आए विडियो स्कूल प्रबंधन द्वारा लाइब्रेरी फी सहित कई तरह के शुल्क जमा करने के लिए कहा जा रहा है। जब इसका विरोध किया गया तो मैनेजमेंट गुंडागर्दी पर उतर आया।
आर्थिक शोषण का जरिया बन चुके हैं प्राइवेट स्कूल
निजी विद्यालय अगर दुकान है तो अभिभावक ग्राहक और दुकानदार अपने ग्राहक के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है यह बताने की जरूरत नहीं. आधुनिकता की चकाचौंध में विद्यालय ज्ञान के मंदिर भर नहीं रह गए सच में दुकान बन गए है जहां सब कुछ बिकता है सिर्फ मानवीय संवेदना को छोड़कर सरकार भी इन शिक्षा माफियाओं के हाथ की कठपुतली है. बिहार में कोई बड़ा आंदोलन ना हो जाए इसलिए सरकार ने झूठ मूठ का आदेश जारी कर दिया कि कोरोना काल में अभिभावकों से फीस के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता तो दूसरी तरफ ऑनलाइन क्लास के खेल में सरकार भी शामिल हो गई और यह आदेश जारी कर दिया गया कि जो विद्यालय ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं उन्हें पूरी फीस दी जाए अब कुछ विद्यालयों को छोड़कर अधिकांश विद्यालय मासिक फी की जगह अप्रैल महीने में लिए जाने वाले वार्षिक शुल्क को बलपूर्वक वसूल रहे है। हथियार बनाया गया विद्यालय के शिक्षकों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा कहा गया कि अगर फी नहीं वसूला गया तो आप को वेतन नहीं दिया जाएगा बेचारे शिक्षक अभिभावकों को फोन कर करके गिड़गिड़ाते रहें और जेब भरती रही शिक्षा माफियाओं की।
इस पूरे मामले का विडियो हमारे यू-टयूब चैनल पर देखा जा सकता है।