झारखंड के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय और उनकी बहू के बीच के उत्पन्न विवाद में मध्यस्थता की कोशिश, दहेज प्रताड़ना से जुुड़ा है मामला

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By PR Desk

अंशु प्रिया

रांची। राज्य के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय के परिवार व उनकी बहू के बीच दहेज प्रताड़ना को लेकर उत्पन्न विवाद दूर करने के लिए ऑनलाइन मध्यस्थता की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) द्वारा नियुक्त मध्यस्थ अधिवक्ता नीलम शेखर ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग से अलग-अलग बातचीत की। मध्यस्थ नीलम मामले में पक्षकार पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, उनकी पत्नी पूनम पांडेय, बेटा शुभंकर पांडेय व बहू से भी बातचीत कर विवाद सुलझाने का प्रयास करेंगी।


मध्यस्थता के लिए अगली तिथि 22 अगस्त निर्धारित की गई है। मध्यस्थता के निष्कर्ष से अदालत को अवगत कराया जाएगा। यह अगर सकारात्मक दिशा में बढ़ी, तभी पूर्व डीजीपी, उनकी पत्नी व उनके बेटे को अग्रिम जमानत मिलेगी। इस दौरान अदालत ने पूर्व डीजीपी एवं उनके परिवार वालों पर किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। बता दें कि 20 जुलाई को अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए अपर न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय की अदालत ने मामले को मध्यस्थता केंद्र भेज दिया था। 22 जुलाई को फाइल केंद्र को प्राप्त हो गई।

गौरतलब है कि डीके पांडेय की पुत्रवधु रेखा मिश्रा ने पिछले महीने दहेज प्रताड़ना एवं विश्वास का आपराधिक हनन करने का आरोप लगाते हुए पूर्व डीजीपी, पति शुुभंकर और सास के खिलाफ महिला थाना में कांड संख्या 18/20 के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। 

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