धर्मेंद्र कुमार
मोतिहारीः पिछले कई दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिस के वजह से उत्तर बिहार के कई गांव में “पानी ही पानी है तो, जिंदगी खुले आसमान के नीचे”। हम बयां कर रहे है हाल ये सूरत मोतिहारी के चकिया अनुमंडल में बारिश ने कैसी तबाही मचा रखी है कि जिंदगी खुले आसमान के नीचे गुजर करने पर मजबूर हो गई है।
चकिया प्रखंड के चकवारा पंचायत के वार्ड संख्या 12, जहाँ पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया है और पूरा सड़क पानी मे डूब गया है। जी हां ये दलितों की बस्ती है जहाँ बारिश ने पिछले एक सप्ताह से लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। चकवारा के लोगों के घर में वर्षा का पानी भर चुका है। लिहाजा लोगों ने सरकारी स्कूल के भवन में शरण ले रखी है। अपनी जान के साथ साथ अपनी मवेशियों का भी जान बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वर्षा के पानी में सब कुछ डूब गया है।मानो की उनकी किस्मत ही डूब गई है।
प्रशासन से लगी उम्मीद भी टूटी
इन लोगो को जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अमला भी इनको किस्मत के भरोसे छोड़ दिये क्योकि अभी तक इनका सुधि लेने कोई नही आया। अब इन ग्रामीणों का एकमात्र सहारा भगवान ही है क्योंकि यहाँ सुशासन की सरकार है। यहां रहनेवाली सरस्वती देवी ने बताया कि खाने के लिए कुछ नहीं है, जैसे तैसे गुजर कर रहे हैं. वहीं वार्ड पार्षद से पूछे जाने पर उनका कहना था कि वह खुद पानी से घिरी हुई हैं, दूसरों की सहायता कैसे कर पाएंगी। उनका कहना था कि गांव में पानी भरे होने के कारण ब्लॉक से किसी प्रकार की सहायता भी नहीं ले पा रही है।