सन्नी कुमार
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे । राम मंदिर निर्माण में बिहार के भी 101 तीर्थ स्थल नदियों से मिट्टी और जल अयोध्या भेजी जा रही हैं, ताकि राम मंदिर के निर्माण में बिहार का भी सहयोग नजर आ पाए। मिट्टी और जल भेजने का बीड़ा विश्व हिंदू परिषद ने खुद उठाया है। विहिप के सभी कार्यकर्ता काफी उत्साहित है और अलग-अलग जगहों से मिट्टी इकट्ठा कर काफी उत्साह से इसे भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
26 तारीख को डाक के माध्यम से इसे भेज दिया जाएगा। बिहार के विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता काफी खुश नज़र आ रहे हैं और नारे लगा रहे है। साथ ही रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे गीत गए रहे है । पूरे देश में राम भक्तों का उत्साह देखने अभी लायक है। 500 साल के इंतजार के बाद यह घड़ी 5 अगस्त को आ रहा है जब देश के प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में राम मंदिर के नींव की पहली ईंट रखेंगे। वहीं पूरे देश से राम मंदिर के निर्माण के लिए कुछ ना कुछ वस्तु भेजा जा रहा है। बिहार से भी 101 जगहों के तीर्थस्थल से मिट्टी और पवित्र नदियों के जल को अयोध्या भेजा जा रहा है । विश्व हिंदू परिषद के दक्षिण बिहार प्रांत से यह व्यवस्था की गई है।
जिसमे प्रमुख हैं पुरैना धाम,सीतामढ़ी विश्वामित्र आश्रम,बक्सर अहिल्या स्थान,दरभंगा सिहेश्वर स्थान,मधेपुरा महिषी, सहरसा पटन देवी, पटना सिटी गुरू गोविन्द सिंह जन्मभूमि,पटना सिटी महावीर स्थान,पटना विष्णुपद मंदिर,बोधगया सूर्य मन्दिर, औरंगाबाद सीता कुंड,मुंगेर बड़ी देवी दुर्गा मन्दिर,मुंगेर कष्टहरणी घाट, मुंगेर अशोक धाम,लखीसराय बाबा धनेश्वर नाथ,जमुई सासाराम, देवी भगवती गोपालगंज, गरीबनाथ मुजफ्फरपुर,अजगैबीनाथ, सुलतानगंज गंगा नदी,सिमरिया घाट,गंगा नदी सुलतानगंज घाट,कोशी,गंडक,बागमती, कमला और फल्गु नदी का रेत भेजा जा रहा है।
कुल मिलाकर 101 जगहों से जल और मिट्टी भेजी जा रही है ,जिसमें गया से सवा किलो चांदी का ईंट भी शामिल है। इसमें पटना से पांच जगहों की मिट्टी भी भेजी जा रही है जिसमें बड़ी पटन देवी,छोटी पटन देवी,शीतला मंदिर,रानीपुर की काली मंदिर,जल्ला के बजरंगबली शामिल हैं। साथ ही पटना के रानी घाट से गंगाजल भी अयोध्या भेजा जा रहा है।
उनका मानना है कि उनका सपना सच होने जा रहा है। जब प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए पहली इट की नींव रखेंगे। जब 1990 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था, तो उस समय विश्व हिंदू परिषद ने तय किया था कि बिहार से कामेश्वर चौपाल मंदिर की नींव की पहली ईट रखेंगे। तब से बिहार वासियों में यह उत्साह यह है कि जब भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। तब बिहार का सहयोग काफी हो । इसी वजह से बिहार के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है वह बढ़- चढ़कर राम मंदिर निर्माण में अपनी हिस्सेदारी देना चाहते हैं।