सुप्रीम कोर्ट पहुंचा स्कूल फीस माफ करने का मामला, अभिभावकों ने कहा- लॉकडाउन में रोजगार बंद, नहीं दे सकते पैसा

Sanjeev Shrivastava

नई दिल्लीः लॉकडाउन अवधि में स्कूल  बंद होने के बाद भी फीस जमा करने के लिए प्रबंधन द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जिसको लेकर कई शहरों से शिकायतें सामने आ रही है। अब स्कूल संचालकों की इस मनमानी के खिलाफ आठ राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लाकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की (एक अप्रैल से जून तक की) फीस माफ करने और नियमित स्कूल शुरू होने तक फीस रेगुलेट किये जाने की मांग की है। साथ ही याचिका में  यह भी मांग है कि फीस न देने के कारण बच्चों को स्कूल से न निकाला जाए।

सुप्रीम कोर्ट दे आदेश

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में प्रतिवादी बनाए गए आठों राज्यों राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश ने मांग की है कि उन्हें या फिर सभी राज्यों को इस बारे में आदेश दे। अभिवावकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वे लोग जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए मिल कर सुप्रीम कोर्ट आए कोरोना महामारी के चलते स्कूलों में पढ़ रहे बारहवीं तक के छात्रों के बहुत से अभिवावकों की फीस देने की आथिर्क क्षमता नही रही है उन्हें बच्चों को स्कूल से निकालने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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