NEWSPR डेस्क। झारखंड में सोमवार को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की पहली ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। उन्होंने आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की आवश्यकता बतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के अस्तित्व में उनकी जमीन अहम है। हमें बदलते समय के अनुरूप कार्य करना होगा। आदिवासियों की जनसंख्या में आ रही कमी को रोकना होगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि टीएसी के माध्यम से ही राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना तैयार की जायेगी। झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा किया जायेगा।
सीएम हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है, और कहा कि इसके लिये ठोस उपाय करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीएसी की नियमावली 20 वर्ष में नहीं बनी थी। वर्तमान सरकार ने नियमावली बना कर विधिवत रूप से सभी सदस्यों का मनोनयन किया है। राज्य को अलग पहचान दिलाने के लिए आदिवासियों की भूमिका तय करनी होगी। जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करने में टीएसी मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के 27 प्रतिशत आदिवासियों के हित में विशेष चिंतन करने की जरूरत बतायी। कहा कि आदिवासियों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक पहलू सुदृढ़ करना होगा। आदिवासियों को राज्य के सर्वांगीण विकास का हिस्सा बनाने के लिए मानक तय करने होंगे। आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ते हुए योजनाबद्ध विकास में टीएसी के सदस्यों का सुझाव महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। टीएसी की बैठक का बाबूलाल मरांडी सहित दो सदस्यों ने किया बहिष्कार