शनिवार को कैमूर जिले में अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन जिला इकाई कैमूर के तत्वधान में संत शिरोमणि जगत गुरु रविदास जी महाराज के 646 वी जयंती के अवसर पर संत महासम्मेलन प्रवचन कीर्तन भजन एवं लंगर भंडारा का विशाल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भभुआ प्रखंड के मोकरी गांव में गुरु रविदास मन्दिर में किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्णवासी दास पुजारी तथा संचालन राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य सह प्रदेश महासचिव जय शंकर राम ने किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
संत श्री सुखदेव महाराज जी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन भारत, विशिष्ट अतिथि संत आरिंक दास महाराज, प्रदेश प्रभारी बिहार, कवि श्याम लाल दास प्रदेश प्रभारी बिहार , राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य सह प्रदेश महासचिव श्री जय शंकर राम, डा0 प्रदीप कुमार रंजन प्रदेश उपाध्यक्ष बिहार, प्रदेश उपाध्यक्ष भूषण कुमार इत्यादि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिये।
इधर, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष संत श सुखदेव महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन गैर राजनीतिक विशुद्ध रूप से धार्मिक संगठन है ।यह धर्म संगठन किसी धर्म ,व्यक्ति, समुदाय, के विरुद्ध में नहीं है, बल्कि यह धर्म संगठन मानव कल्याण के लिए बनाया गया है। हमें लड़ाई किसी जाति, धर्म ,व्यक्ति ,समुदाय से नहीं है। परंतु लड़ाई विषमता मूलक समाज से समता मूलक समाज, गैर बराबरी से बराबरी तथा सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई है । हमें ब्राह्मणों से नफरत नहीं है परंतु ब्राह्मणवाद से नफरत है ।इस धर्म संगठन का उद्देश्य है इस देश से जातिवाद समाप्त कर मानववाद लागू हो जाए। लड़ाई गोली बम बारूद की नहीं है। लडाई विचार धारा की है। और हम विचार धारा की लड़ाई विचार धारा से लड़कर जीत सकते हैं।
– धर्म का अर्थ धमयते धर्म यानी इति धर्म है यानी धर्म धारण करने का है
वहीं विशिष्ट अतिथि संत आरिंक दास महाराज, प्रदेश प्रभारी बिहार ने कहा कि धर्म का मतलब हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई ,बौद्ध, पारसी नहीं होता है ,धर्म का अर्थ धमयते धर्म यानी इति धर्म है यानी धर्म धारण करने का है ।यह धर्म मानव समाज में जन्मे सभी संतो ,गुरुओ ,महापुरुषों के विचारधारा पर आधारित धर्म संगठन है। धर्म धारण करने का चीज है तो हम क्या चीज धारण करेंगे, सच्चाई, ईमानदारी ,मानवता, करुणा मैत्री उर्जाशील दुनिया की सारी बुराइयों को छोड़कर अच्छाइयों को धारण करें इसी का नाम धर्म है।
– एक नए भारत का करना है निर्माण
राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य सह प्रदेश महासचिव जय शंकर राम ने कहा कि इस धर्म का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में शांति व्यवस्था कायम कर, आपस में भाई-चारा, भयमुक्त नशामुक्त, मानवतावादी, विचारधारा एवं शिक्षा की ओर अग्रसारित कर एक नए भारत का निर्माण करना है।जयशंकर राम ने अमृतवाणी के माध्यम से बताया कि चाहूं ऐसा राज् मैं जहां मिले सबन को अन्न, छोटे बड़ सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न, रविदास जन्म के कारणे होत न कोउ निच, नर को निच कह डारिये ओछे करम के किचन यानी प्रत्येक मानव इस अमृतवाणी को अंगीकार कर लेगा तो दुनिया से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। यह धर्म संगठन किसी धर्म के विरुद्ध में नहीं बनाया गया है। परंतु यह धर्म मानव कल्याण के लिए 52 देशों के चमारों की उपस्थिति में धर्मगुरु श्री 108 संत स्वामी निरंजन दास जी महाराज एवं रविदासिया धर्म संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत श्री सुखदेव जी महाराज के उपस्थिति में 30 जनवरी 2010 को प्रथम धाम सीर गोवर्धनपुर काशी बनारस में स्थापना किया गया है।
कार्यक्रम मे संत आरिंक दास महाराज, प्रदेश प्रभारी बिहार ,जय शंकर राम राष्ट्रीय सदस्य सह प्रदेश महासचिव , डा 0 प्रदीप कुमार रंजन , राजा राम जी धर्म प्रचारक विहार, विष्णु कुमार भूषण, जितेंद्र कुमार कैमुरी जिला अध्यक्ष कैमूर, रामाकांत राम जिला अध्यक्ष बिकास मित्र संघ कैमूर, रमेश कुमार, जिलासायोज्क बामसेफ कैमूर, पूर्णमासी दास पुजारी, किशन दास, दिलीप कुमार छात्र नेता कैमूर , मनोज कुमार राम ,पिंटू यादव ,विजय कुमार जी ,माता साकुंतला दासी, संत बैरागी जी महाराज जी एवं अन्य हजारों लोगों ने भाग लिया।