NEWSPR डेस्क। केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अचानक पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गये। वहीं दूसरी तरफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा बिहार में ऑल इज वेल है। फिर इतनी माथा पच्ची की नौबत आखिर कैसे आ रही है। 10 जून को राज्यसभा चुनाव होना है। आरसीपी सिंह को जदयू ने अब तक उम्मीवार नहीं बनाया है।
24 मई से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ऐसे में नामांकन शुरू होने के दिन ही आरसीपी का पटना से दिल्ली चले जाना अब कई नए अटकलों को जन्म दे रहा है। राजनितिक गलियारों में आरसीपी के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की भी खबर से सियासत का पारा और बढ़ गया है। जदयू ने उन्हें चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया तो आरसीपी किसी सदन के सदस्य नहीं रह जाएंगे।
ऐसी परिस्थिति में वे छह महीने तक केंद्रीय मन्त्रिमंडल में बने रह सकते हैं। लेकिन राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि आरसीपी सिंह को अगर टिकट नहीं मिला तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि माना जा रहा है कि वो दिल्ली इस्तीफा के लिए रवाना हुए हैं मगर इस्तीफा तो कहीं से भी दिया जा सकता है। आरसीपी के निकटस्थ सूत्रों का कहना है कि वे अपने पद पर बने हुए हैं।
फ़िलहाल इस्तीफा देने जैसी कोई बात नहीं है। जदयू ने अब तक आरसीपी को उम्मीदवार नहीं बनाकर उनकी धड़कन बढ़ा दी है। नीतीश कुमार अब किसी दूसरे को राज्यसभा भेजेंगे ऐसा माना जा रहा है। ऐसे में आरसीपी का अचानक से दिल्ली जाना भी उसी ओर इशारा माना जा सकता है। दिल्ली रवानगी पर किसी तरह के जवाब देने से आरसीपी सिंह ने साफ मना कर दिया। वैसे आरसीपी सिंह लगातार नीतीश कुमार और नमो के कार्यों की प्रशंसा जरुर करते आ रहे हैं। दिल्ली जाने के पहले आरसीपी ने एक संत से आशीर्वाद भी लिया।
आगे देखना यह दिलचस्प है कि जदयू आरसीपी सिंह को अपना कैंडिडेट बनाकर इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप करेगी या फिर इनको बाहर का रास्ता दिखाकर आगे कुछ और रास्ता अख्तियार करेगी। अब आगे कोई भी कदम नीतीश कुमार के हाथ में है कि आरसीपी को बाहर करने के बाद एनडीए के साथ रहेंगे या अपनी राह दूसरी ओर करेंगे ये तो वो ही जानें। मगर ऐसा होता है।
तो आरसीपी सिंह को भी हल्के में लेना नीतीश कुमार की बड़ी भूल होगी। क्योंकि लंबे समय से आरसीपी सिंह नीतीश के अधिकारी से राजनेता तक का सफर तय कर चुके हैं। हां, ये भी सही है कि नीतीश की सेवा का इन्हें फल जरुर मिला है। लेकिन ऐसी कौन सी बात हुई या कौन नीतीश-आरसीपी के रिश्तों में मट्ठा डालने का काम किया यह बहुत जल्द स्पष्ट हो जाएगी।