अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदानियों को करना होगा अगले साल तक इंतजार, गया का पितृपक्ष मेला हुआ स्थगित

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By PR Desk

गया। विश्व प्रसिद्ध गया के पितृपक्ष मेला-2020 का आयोजन इस बार नहीं होगा। मेले को जनहित में स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने लिया गया है। विभागीय पत्र में कहा गया है कि व्यापक जनहित में पितृपक्ष मेले का आयोजन स्थगित रखा जाए। विभाग ने यह निर्णय केंद्रीय व राज्य के गृह मंत्रालय की विशेष शाखा पटना के आदेश पर लिया है। जिला प्रशासन की ओर से यह विज्ञप्ति जारी की गई है। कोविड-19 के कारण पितृपक्ष मेला में आने वाले पिंडदानियों द्वारा सामाजिक दूरी का अनुपालन में होने वाले कठिनाइयों व संभावित कोरोना संक्रमण को देखते हुए जनहित में विभाग की ओर से पितृपक्ष मेला 2020 स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

प्रतिकात्मक तस्वीर।

2 सितंबर से होना था मेले का आयोजन

इस साल दो सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला था। लेकिन, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले ही राज्य सरकार ने छह सितंबर तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। भूमि राजस्व विभाग ने अपनी चिट्ठी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय और बिहार सरकार के गृह विभाग के आदेश का जिक्र किया है। बताया गया है कि भारत और राज्य सरकारों के आदेश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। आदेश में बताया गया है कि कोविड-19 के कारण पितृपक्ष मेला में आने वाले पिंडदानियों द्वारा सामाजिक दूरी के अनुपालन में होने वाली कठिनाइयों और संभावित संक्रमण को देखते हुए जनहित में पितृपक्ष मेला 2020 को स्थगित किया गया है।

प्रतिकात्मक तस्वीर।

विश्व के हर कोने से मेल में पिंडदान के लिए आते हैं लोग
हर साल विश्व के हर कोने से गया में छह लाख से ज्यादा पिंडदानी पितरों को मोक्ष दिलाने आते हैं। गया में एक महीने तक मेला लगा रहता है। पंडा जी का एक बड़ा वर्ग पूरे साल पिंडदानियों का इंतजार करता है। बड़ी संख्या में लोग एक महीने तक यहां रहकर पिंडदान करते हैं। ऐेसे में यहां व्यापार भी बढ़ता है और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। लेकिन, इस साल मेला आयोजित नहीं किए जाने से हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा।

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