मुंगेर में तारापुर के दो पशु व्यापारी का अपहरण कर अपराधियों ने मांगी 5 लाख रुपए की फिरौती, नहीं देने पर एक व्यापारी की हत्या कर शव को फेका लक्ष्मीपुर के जंगलो में, मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जमुई सदर अस्पताल, जबकि एक व्यापारी का अभी तक पता नही चल पाया है1, पुलिस कर रही है पूरे मामले की जांच, वही मृतक के गांव में पसरा है मातमी सन्नाटा।
मुंगेर जिले में तारापुर थाना क्षेत्र के गाजीपुर निवासी स्वर्गीय मोहम्मद अजीज का पुत्र आमीर मंसुरी का अपहरण कर अपराधियों ने मांगी 5 लाख रुपए की फिरौती और नहीं देने पर व्यापारी की हत्या कर शव को फेका लक्ष्मीपुर के जंगलो में।
परिजन बताते हैं कि पशु व्यापारी के पास पशु खरीदने को लेकर गये 44 हजार रुपये भी लुट लिया गया हैं,तारापुर थाना क्षेत्र के गाजीपुर कैम्प मुहल्ला में शहीद मजार के निकट रहने वाले दो पशु व्यापारी का गुरुवार से लापता होने एवं शुक्रवार की संध्या में एक व्यापारी 42 वर्षीय आमीर मंसुरी की हत्या किये जाने की खबर से तारापुर सहित पुरे गाजीपुर गांव में मातमी सन्नाटा छाया हुआ हैं तो वही दुसरा पशु व्यापारी 18 वर्षीय मोहमद औरंगजेब के लापता होने की खबर से परिवार के लोग सहमे हुए हैं तो ग्रामीणों एवं पशु के व्यापार करने वाले लोगो के बीच दहशत का माहौल बन गया हैं। घटना स्थल पर गये ग्रामीण मोहम्मद अफरोज आलम एवं मोहम्मद इजहार से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को पशु व्यवसाय करने को लेकर मोहम्मद आमीर अपने सहयोगी मोहम्मद औरंगजेब के साथ बस से अहले सुवह संग्रामपुर गया और फिर वहां से एक मोटरसाईकिल पर सबार होकर भगदोसबा गांव निवासी बिचौलिया आकाश कुमार के पास गया। बिचौलिया आकाश ग्रामीणो से कमीशन पर उसे बराबर पशु दिलाता था। इसी दौरान गुरुवार को दोपहर साढे तीन बजे मोहम्मद औरंगजेब के ही मोबाईल से उसके पिता मोहम्मद इलियास को पांच लाख की फिरोती देने की बात कही गयी और यह भी हिदायत दी गयी कि एक या दो ही लोग आना। मोहम्मद ईलियास ने कहा कि हमलोग गरीब आदमी हैं इतना पैसा कहां से लायेगे थोडा बहुत पैसा कहेगे तो मैं आपको दे दूंगा।
इस घटना के बाद गाजीपुर गांव के सैकडो पशु व्यवसाय से जुडे गरीब मजदुर वर्ग के लोगो के चेहरे पर चिंता की लकीर दिख रही हैं कि आखिर अब हमलोग कैसे गांव-गांव जाकर पशु की खरीददारी करेगे क्योकि हमलोग गांव-गांव जाकर पशु को खरीदकर लाते हैं और तारापुर हाट में बेचते हैं ,क्योकि तारापुर में झारखंड के कई शहरो के व्यापारी पशु खरीदने आते हैं। लेकिन इस प्रकार की घटना घट जाने के बाद अब तक गांव तक जाकर पशु की खरीददारी करनी मुश्किल लगता हैं लेकिन अब इन लोगो के सामने परिवार का भरन पोषण कैसे होगा यह एक बड़ा बनकर खड़ा हो गया हैं ।