NEWSPR DESK- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ई मापी में राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। बता दे की विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।
जिलाधिकारियों को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि अब मापी के लिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की आवश्यकता नहीं है। पत्र के साथ ई मापी आवेदन का एक प्रारूप भी शामिल किया गया है। यह शपथ पत्र है, जिसे ई मापी कराने को इच्छुक रैयत जमा कराएंगे।
दो बिंदुओं पर रैयत शपथ पूर्वक कहेंगे कि जिस जमीन की मापी के लिए वे आवेदन कर रहे हैं, उस पर उनका स्वामित्व है। जमीन से जुड़ा कोई विवाद किसी न्यायालय में लंबित नहीं है। अगर मामले लंबित हैं और न्यायालय ने मापी का आदेश दिया है तो रैयत आदेश की प्रति आवेदन के साथ संलग्न करेंगे।
शपथ पत्र में रैयत को यह भी लिखना है कि अगर भविष्य में उनके दावे गलत पाए गए तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। पत्र के अनुसार पिछले दिनों ई मापी की समीक्षा में पाया गया कि राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन में देरी के कारण ढेर सारे मामले लंबित हैं। इसलिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के बदले रैयत के शपथ पत्र के आधार पर जमीन की मापी कराने का निर्णय विभागने लिया है।