सदर प्रखंड के फेसर थाना क्षेत्र के परसी एवं बाकन के बीच पूल के समीप ट्रैक्टर के अनियंत्रित होकर पलट जाने से ट्रैक्टर सवार पिता पुत्र की ट्रैक्टर से ही दबकर मौत हो गई।इस हादसे में एक किशोर भी घायल हो गया जिसका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया।हादसे की जानकारी मिलते ही सांसद सुशील कुमार सिंह सदर अस्पताल पहुंचे एवं मृतक के परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली।परिजनों से मिली जानकारी के बाद सांसद ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाया और कहा कि यदि अस्पताल के चिकित्सक सही समय पर एक घायल जिसकी सांसे चल रही थी उसके इलाज में तत्परता दिखाते तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।सांसद ने बताया कि मौत को टाला नहीं जा सकता लेकिन चिकित्सक की उपस्थिति सदर अस्पताल में अनिवार्य है।इधर सांसद अपनी बात रख ही रहे थे उसी वक्त पोस्टमार्टम में हो रही देरी पर भड़के आक्रोशितों ने सदर अस्पताल के बड़ा बाबू संजय कुमार सिंह की जमकर पिटाई कर दी।जिन्हे काफी मशक्कत के बाद आक्रोशितों के चंगुल से बचाया गया। बड़ा बाबू की पिटाई के बाद सभी अस्पतालकर्मी एवं चिकित्सक दहशत में हैं और जिलाधिकारी से सुरक्षा की गुहार लगाई है।इस मामले में अस्पताल उपाधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में जब घायलों को लाया गया तो उन्हे वहां मौजूद चिकित्सक ने देखा और एक को मृत घोषित कर दिया लेकिन शेष बचे दो घायलों का त्वरित इलाज किया गया जिसमे से एक को नही बचाया जा सका और उसकी मौत हो गई।उपाधीक्षक ने बताया कि आज घटी घटना के वक्त सीएस मौजूद थे और सांसद को उनके द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी भी दी जा रही थी।
उस वक्त भीड़ काफी आक्रोशित थे जिसके कारण अपनी सुरक्षा को देखते हुए आस पास में ही थे। लेकिन भीड़ द्वारा बड़ा बाबू की पिटाई कर दी गई। उपाधीक्षक ने कहा कि पूर्व में भी ऐसी घटनाए घटित हो चुकी है और उक्त मामले में न सिर्फ चिकित्सक के साथ मारपीट की गई बल्कि अस्पताल के संपति को क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने जिलाधिकारी से अस्पताल की सुरक्षा को लेकर सदर अस्पताल में ही पुलिस पोस्ट खोलने की मांग की है और कहा कि उस पोस्ट में सीआरपीएफ के जवानों की ही प्रतिनियुक्ति की जाय ताकि चिकित्सक सुरक्षित माहौल में अपनी सेवा दे सकें।