पंचांग एक प्राचीन हिंदू कैलेंडर है और क्योंकि इसमें पंचांग के पांच अंग शामिल होते हैं इसलिए इसे पंचांग का नाम दिया गया है। ये पांच अंग योग, तिथि, वार, करण और नक्षत्र है।
पंचांग से हम ये आसानी से जान सकते हैं कि कौन सा दिन शुभ है और कौन सा अशुभ। शुभ मुहूर्त देखने के लिए भी पंचांग का ही सहारा लिया जाता है। पंचांग को पंजकी भी कहा जाता है। पंचांग प्राचीन समय में ज्योतिष विद्या, ज्योतिष शास्त्रों ऋषि मुनियों द्वारा पढ़ा जाता था जिसे आज लोग भी मानते हैं। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें।
जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पुष्य
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय – 5:48 AM
सूर्यास्त – 7:12 PM
चन्द्रोदय – 7:20 AM
चन्द्रास्त – 9:15 PM
अभिजीत मुहूर्त- 12:03 PM – 12:57 PM
1 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड – 3:51 PM – 5:32 PM
कुलिक – 7:29 AM – 9:09 AM
दुर्मुहूर्त – 08:29 AM – 09:23 AM, 12:57 PM – 01:50 PM
वर्ज्यम् – 06:06 PM – 07:52 PM
आठवां करण है शकुनि
पंचांग का एक महत्वपूर्ण अंग करण है। ये तिथि का आधा भाग होते हैं। इनकी संख्या 11 बताई गई है। इनमें से शकुनि करण आठवां है। इस करण का प्रतीक पक्षी है। इसकी अवस्था ऊर्ध्वमुखी बताई गई है। शकुनि करण एक स्थाई करण होता है।
ये शुभ श्रेणी में नहीं रखा जाता। इसके प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवन में संघर्षों का सामना करना पड़ता है। शकुनि करण का स्वामी कलयुग को बताया गया है। ऐसे में इस करण पर कलियुग नामक देव का प्रभाव भी होता है।