पटना। बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं उस अनुपात में अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की समस्या बन गई है। जिसे देखते हुए बिहार के दो जिलों के लिए एक बड़े अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। भारत सरकार और डीआरडीओ की तरफ से राजधानी पटना के बिहटा स्थित ईएसआईसी अस्पताल को 500 बेड वाले कोरोना अस्पताल में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसे रविवार से मरीजों के लिए शुरूर करने की बात कही जा रही है।
125 बेड आईसीयू और 375 बेड जनरल मरीजों के लिए
बताया जा रहा है कि बिहटा के ईएसआईसी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए की गई 500 बिस्तरों की व्यवस्था में 125 बेड आईसीयू के लिए होंगे, इसके अलावा 375 ऑक्सीजन और जनरल वार्ड के रूप में तब्दील कर दिए गए हैं। प्रबंधन ने बताया कि 23 अगस्त को ईएसआईसी अस्पताल में पीएम केयर फण्ड से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी और भारत सरकार के अधिकारी हर दिन यहां पहुंच रहे हैं।
डीजीएएफएमएस और एएफएमसी की ली गई है मदद
चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ की तैनाती दिल्ली में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड अस्पताल की तर्ज पर डायरेक्टर जनरल आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस (डीजीएएफएमएस) और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे के सहयोग से की जा रही है। चिकित्सक सहित करीब 200 मेडिकल स्टाफ अस्पताल में तैनात किए जाएंगे। उनके रहने के लिए भवन चिह्नित कर लिया गया है। इस अस्पताल को तैयार करने के लिए डीआरडीओ के अधिकारियों ने जिला प्रशासन और सरकार को भी धन्यवाद किया है।