आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल केस में कोई प्रोग्रेस नहीं, पुलिस अभी भी खाली हाथ, परिजनों ने सड़क जानकर पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पुर्वी चम्पारण के हरसिद्धि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड के तीन महीने बीत चुके। इसके बावजूद भी मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने दूसरी बार अरेराज -छपवा सड़क को जाम कर दिया और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर हंगामा किया।

मृतक विपिन के परिजन लगातार मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े थे। बता दें कि इन दिनों सीएम नीतीश कुमार चंपारण की यात्रा पर हैं। आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी मोनिका देवी, पुत्र रोहित अग्रवाल सहित सहित परिजन इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि उनके घर पर पूर्व में हुए हमले का आरोपित उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। ना तो पुलिस हत्यारोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। ना ही अदालत को चार्जशीट सौंप रही है। उन्हें जिले के एसपी पर भी भरोसा नहीं है। काफी देर से जारी हंगामे की वजह से सड़क जाम हो गया और गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। पुलिस द्वारा समझाने के बावजूद परिजन लगातार मुख्यमंत्री के बुलाने के मांग पर अड़े हुए थे। जबकि हरसिद्धि पुलिस पहुचंकर जाम हटवाने के प्रयास में जुटी है।

क्या है RTI कार्यकर्ता की हत्या

सितंबर को दिनदहाड़े प्रखण्ड गेट के पास आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल को अपराधियों द्वारा गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी। परिजनों द्वारा अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध हरसिद्धि थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार अपराधियो ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि हरसिद्धि बाजार की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए 20 लाख में आठ लोगो द्वारा सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी।

मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट

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