आसमान में चमकती अंगूठी की तरह आया सूर्य का घेरा, अब 11 साल बाद दिखेगा सूर्यग्रहण का ऐसा नजारा

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क

पटनाः लगभग दो दशक के बाद ऐसा मौका आया है जब आसमान में सूर्य का घेरा वलायाकार रूप में नजर आया, जो देखने में चमकती अंगूठी की तरह नजर आ रहा था। सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर चंद्रमा द्वारा बीच में आकर रोकने का अभूतपूर्व नजारा देश में लगभग छह घंटे तक रहा। बताया गया कि इस तरह का अद्भूत नजारा अब 11 साल बाद देखा जा सकेगा।

सूर्यग्रहण देखने के लिए जुटी भीड़

साल के पहले और लगभग दो दशक के बाद पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक लगे सूर्यग्रहण को लेकर शहर के लोगों में उत्साह नजर आया। इस दौरान सूर्यग्रहण देखने के लिए श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जिसमें बड़ी संख्या बच्चों और युवाओं की थी।

धर्म ज्योतिष और विज्ञान में इसके अपने मायने

श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर विश्वनाथ गुप्ता बताते हैं कि सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। लेकिन, धर्म ज्योतिष और विज्ञान में इसके अपने मायने होते हैं वैज्ञानिकों की मानें तो पृथ्वी और सूर्य के बीच मे चंद्रमा आ जाये तब सूर्य ग्रहण होता है। जो एक सामान्य खगौलीय प्रक्रिया है। इससे किसी प्रकार की हानि या लाभ नहीं होता है। सिर्फ इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।

महामारी के दौरान ग्रहण अशुभ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण दोनों ही लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालता है और राशि को प्रभावित करता है। लेकिन, इस बार ग्रहण महामारी के दौरान लगा है। ज्योतिष की मानें तो महामारी के दौर में लगने वाला सूर्यग्रहण काफी अशुभ है, जो लोगों को बहुत प्रभावित करेगा।

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