भागलपुर शहरवासियों की सुरक्षा में लगे जवान खुद ही बदहाली की जिंदगी में जीने को मजबूर हैं। जिले के 42 पुरुष और 18 महिला बीएमपी जवानों के रहने के लिए प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था की गई है उसको देखकर समझा जा सकता है कि यह इंसानों के लिए है या फिर कोई तबेले से कम नजर नहीं आ रहा।
रूम के किवाड़ टूटे हुए हैं वही खिड़की पर ठंड से बचने के लिए बोरा टांग कर तो बेड के लिए लगा चौकी भी जुगाड़ से ही काम कर रहा है। कहीं ईटा रखकर तो कहीं स्वास्थ्य विभाग के बॉक्स को नीचे रखकर तो कहीं तेल के टीन को चौकी के नीचे रखकर बेड बनाया गया है। वही बाथरूम की भी व्यवस्था ठीक नहीं है। जिला प्रशासन के द्वारा बीएमपी जवानों को रहने के लिए सदर अस्पताल के पीछे भाग में टूटी हुई बिल्डिंग में रखा गया है। जवानों का कहना है की उन्हें जो जगह मिली है उसके लिए उनके वेतन से हाउस ईलायंस भी काटा जाता है। लेकिन कहीं से भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सांप बिच्छू के डर से महिला सिपाही रात में ठीक से सो भी नहीं पाती हैं।