NEWSPR DESK- कोरोना के दूसरी लहर में बिहार का स्वास्थ्य विभाग भी वेंटिलेटर पर आ गया है बिहार में कोरोना को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है ऐसी स्थिति में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन ने अस्पताल व्यवस्था की पोल खोल दी है निजी अस्पताल को तो छोड़ दीजिए वह पैसे की उगाही करते हैं.
लेकिन सरकारी अस्पतालों के क्या स्थिति और क्या सुविधा यह भी आपको बता दें ऑपरेटरों की कमी और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी की वजह से यहां बदहाली छा गई है यह बात खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मानते हैं.
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि हमारे पास वेंटिलेटर को इस्तेमाल करने के लिए एनिस्थीटिस्ट की कमी है. हमने कई जगह यह खबरें देखीं कि टेक्नीशियन की कमी की वजह से वेंटिलेटर का उपयोग ही हो नहीं हो रहा है. जबकि सच तो यह है कि टेक्नीशियन वेंटिलेटर ऑपरेट नहीं करता है.
यह मुख्य काम एनीस्थिटिस्ट का है. इस वजह से स्वास्थ्य मंत्री ने यह निर्णय लिया था कि निजी अस्पतालों में जहां मैनपावर है और वेंटीलेटर ऑपरेट करने की व्यवस्था है.
वहां वेंटिलेटर दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि 1 साल में तीन बार एनीस्थिटिस्ट की भर्ती के लिए कोशिश की गई थी, मगर 140 की जगह केवल 77 लोग ही मिले. यह भी घोषणा की गई थी कि डेढ़ लाख रुपए सैलरी मिलेगी फिर भी लोग नहीं आए.