इस अस्पताल के मर्चुरी में जमा हो गई चार लाशें, डॉक्टर नहीं होने से पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों को करना पड़ा इंतजार

Sanjeev Shrivastava

ऋषिकेश

नालंदाः बिहारशरीफ सदर अस्पताल के मर्चुरी में एक ही रात में अलग – अलग घटनाओं में मरे चार लोगों के शव लाए गए। लेकिन इनमें से किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका। जिसके कारण मृतकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां पुलिस ने शव का पंचनामा करने में देरी की, वहीं अस्पताल के डॉक्टर का रवैया भी टालमटोल वाला रहा।

बिहारशरीफ में 24 घंटे के अंदर नालंदा जिले में आधे दर्जन अपराधी घटनाएं हुई हैं। जिसमें करायपरशुराय में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या और दीपनगर में नाले पर सरकारी टंकी लगाने को लेकर महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सबसे बड़ी बात यह है कि यह दोनों घटना देर रात की है और घटना घटने के बाद सभी को पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ का अस्पताल भेज दिया गया है।

पुलिसकर्मी और परिजनों ने परेशान होकर बताया कि हम सभी देर रात से पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल में हैं लेकिन डॉक्टर नहीं होने का हवाला देते हुए हम लोगों को इधर से उधर रात से लेकर के अभी तक घुमाया जा रहा है, हालांकि जैसे ही मीडिया इस समस्या के ऊपर खबर बनाना शुरू किया तो डॉक्टर भी हरकत में आते हुए आनन-फानन में चार शवों की कागजात तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए।

रात में पोस्टमार्टम का नियम नहीं

एमआईसी के नियमों के अनुसार किसी अस्पताल में रात के समय में पोस्टमार्टम करने की इजाजत नहीं होती है। किसी विशेष परिस्थिति में डीएम और एसपी की परमिशन के बाद रात में पोस्टमार्टम कराया जा सकता है। इसके लिए भी पोस्टमार्टम रुम में बेहतर रोशनी की व्यवस्था होनी जरुरी है।

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