अजहर रहमानी
किशनगंजः महानंदा नदी किनारे बसा किशनगंज प्रखंड का बलियाडांगा पंचायत। जहां से गुजरनेवाली महानंदा नदी लोगों के लिए वरदान की जगह अभिशाप बनती जा रही है। इसका कारण है नदी का बढ़ता दायरा। महानंदा में आए बाढ़ के कारण गांव के कई एकड़ जमीन नदी के कटाव में आकर जलमग्न हो गए हैं। नतीजा यह है कि अब गांव के लोगों को विस्थापन की जिंदगी गुजारनी पड़ रही है।
बलियाडांगा पंचायत के वार्ड नंबर 14 की तो बुधवार को भी कटाव जारी रहा। कटाव के कारण पूरे गांव के लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं ग्रामीणों द्वारा कटाव के कारण गांव को छोड़ जाने के बाद बुधवार को गांव का नजारा भयावह था। जहां कल तक घर-आंगन में बच्चों की किलकारी गूंजती थी। आज वहां वीरानगी और तबाही एवं बर्बादी का नजारा बना हुआ है।
तम्बू में कट रही है जिंदगी
बुधवार को कुछ कटाव पीडि़त मुहाने पर आ गए घरों को तोड़कर उससे ईंट व किवाड़ एवं खिड़की सुरक्षित निकालने में जुटे नजर आए तो ज्यादातर ग्रामीण सड़कों पर तम्बू डालकर जीने को बेबस हैं।
प्रशासन से नहीं मिली कोई सहायता
हर साल नदी के कटाव के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लेकिन इसे रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई। वहींबकि कटाव पीडि़तों को सरकारी राहत के नाम पर बुधवार तक भी सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। कटाव से करीब लगभग दो हजार की आबादी प्रभावित हुई है।