इस शहर में नहीं है कोई ट्रैफिक रुल, हर दिन लगता है भीषण जाम, सड़क खराब होने की वजह से रेंगती हैं गाड़ियां

Sanjeev Shrivastava

 आरा : ट्रैफिक जाम आरा शहर के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है। शहर में ऐसा कोई दिन नही है जिस दिन जाम नहीं लगा हो। शहर में जाम लगने का कारण यह है कि यहां कोई ट्रैफिक रुल नहीं है और न ही पुलिस का पहरा है। गुरूवार सुबह से लगी भीषण जाम में हजारों गाड़ियां फंसी हुई है। सड़कों पर वाहन रेंगते रहे और जाम लगने के बाद जाम छुड़ाने में पुलिस के पसीने छूटते रहे।

जीरो माइल पर जाम का कारण…

शहर के जीरो माईल के समीप सड़क गढ्‌ढे में तब्दील हो गया है। इससे चालक बीच से वाहन ले जाने से कतराते रहते है। इस गढ्ढ़े में मोटरसाइकिल सवार एवं टेंपो-ऑटो का गिरना एवं कई लोगों का घायल होना आम बात हो गया है। बालू भरे ओवरलोड ट्रकों की वजह से मुख्य सड़कों की स्थिति भयावह हो गई है, जिसपर चलना खतरे से खाली नहीं है। गुरूवार की सुबह एक बालू लदा ओवरलोड ट्रक एक पिकअप पर पलट गया जिसके कारण भीषण जाम लगा हुआ है। दूसरा कारण है कि शहर में प्रवेश करने के लिए जीरो माईल से आना पड़ता है। जीरो माईल में उदवंतनगर, जगदीशपुर, बक्सर, सासाराम से वाहन आते है। ट्रैफिक रुल नही होने के वजह से शहर में वाहन जैसे-तैसे पार्क कर दिया जाता है। जिससे जाम लग जाता है।

बाजार समिति में जाम का कारण

शहर के बाजार समिति का रोड़ जर्जर हो चुका है। सड़क के बीच-बीच में बड़े-बड़े गढ्‌ढ़े हो चुके है। बरसात में गढ्‌ढे में पानी जमा हो जाता है। जिसके वजह से वाहन चालकों बीच सड़क से वाहन नही ले जाना चाहते है। सड़क के साईड से वाहन ले जाते समय सामने से छोटी वाहन आ जाता है। जिससे सड़क जाम हो जाता है।

अधिकारियों को नहीं हैं चिंता

जाम में हजारों लोग फंसे हुए हैं और बारिश के बाद की उमसवाली गर्मी में लोग काफी परेशान है। हजारों गाड़ियां भी जाम में फंसीं हुई हैं। जाम छुड़ाने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं, लेकिन बडे अधिकारी मौन साधे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि इस रास्ते से जिला प्रशासन के पदाधिकारी या वीआईपी आते-जाते नहीं हैं, लेकिन सबकुछ जानते हुए भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। कोई भी समस्या को दूर करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आता है।

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