NewsPRLive-पूर्वी चम्पारण जिला के रामगढवा थाना इलाके में आज शाम भीषण हादसा हुआ है। काम करने के दौरान एकाएक ईट उद्योग का चिमनी गिर पडा। जिसमें दर्जनों लोग दब गये है। देर रात तक सात शवों को मलबे से निकाला गया है। देर शाम हुई घटना के बाद अंधेरा हो जाने के कारण राहत और बचाव कार्य में परेशानियों का सामना करना पड रह है। बताया जाता है कि पूर्वी चम्पारण के रामगढवा प्रखंड के नारीरगिर गांव के सरेह में तीन पार्टनर चमनी चलाते है। आज दोपहर के बाद से राउण्ड के लिए चिमनी के नीचे ईट पकाने के लिए कच्चे ईंट को सजाया जा रहा था। जिसमें दर्जनों मजदूर काम कर रहे थे कि एकाएक उद्योग का चिमनी भरभरा कर गिर पडा। तेज आवाज के साथ चिमनी के गिरने से लोगों के भागने का भी समय नहीं मिला और काम कर रहे मजदूर दब गये। काम के दौरान चिमनी के दो पार्टनर मौके पर मौजूद थे। घटना में दोनो पार्टनर मो. ईरशाद और नुरुल हक गम्भीर रुप से जख्मी हो गये है जिन्हें रक्सौल के एसआरपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावे चिमनी के मलबे में दबे एक दर्जन से अधिक मजदूरों को रामगढवा और रक्सौल पीएचसी में इलाज किया जा रहा है। नारीरगिर गांव के इस उद्योग का चिमनी करीब एक सौ फूट उच्चा था,जिसमें आधा करीब 50 फीट टूट कर गिरा है। रक्सौल के एसडीओं और डीएसपी सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहूंचकर राहत और बचाव कार्य को चला रही है। इघर घटना कैसे हुई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एकाएक विस्फोट हुआ और चिमनी गिर पडा।
आज से ईंट उद्योग नये साल के लिये शुरू किया था। ईंट पकाने के काम शुरू करने के पहले चिमनी की जांच नही किया गया था। जो धुंआ के दवाब के साथ भरभरा कर गिर पड़ा। इधर घटना की सूचना के बाद डीएम और एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने इलाजरत लोगो को भी देखा।
वही बात दे कि भीषण हादसा के कारण स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की टीम की तैनाती किया है। साथ ही गंभीर रूप से जख्मी लोगो को इलाज में ले जाने के लिये दस एम्बुलेंसों की तैनाती किया है। कड़ाके के ठंढ और घने कोहरे के कारण राहत और बचाव कार्य को सुबह तक रोक दिया गया। लेकिन मलबा हटाने का काम सुबह साढ़े आठ बजे तक शुरू नही हो सका,जिसकी वजह घने कोहरे और कड़ाके की ठंढ बतायी जा रही है। हादसा वाले स्थान पर कोहरे के कारण विजिबलिटी 10 मीटर भी नही है।