भागलपुर के तपस्वी नर्सिंग होम में रोगियों का देहांत हो रहा है तो कभी केके नर्सिंग होम में कभी मायागंज अस्पताल में तो कभी सदर अस्पताल में, लोग खर्च तो कर रहे हैं लेकिन उसका सही सदुपयोग नहीं हो पा रहा है अगर हवाई सेवा भागलपुर में बहाल हो जाती है तो शायद ऐसी मौतें भागलपुर को नसीब नहीं होगी, यहां का बुनकर व्यवसाय हो या फिर भागलपुरी कतरनी चूड़ा जर्दालू आम सभी पर संकट मंडरा रहे हैं, अगर हवाई सेवा भागलपुर से प्रारंभ हो जाती है तो शायद व्यवसाय भी बढ़ेगा और रोगी अपना इलाज भी आपातकालीन स्थिति में जाकर करा पाएंगे ।
इसको लेकर ईस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ-साथ हवाई सेवा संघर्ष समिति ने मोर्चा खोल दिया है और यहां के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है ईस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सरवन बाजोरिया का कहना है भागलपुर एक कमिश्नरी है फिर भी यहां पर हवाई सेवा नहीं होना भागलपुर के लिए गवारा नहीं हो रहा वहीं जहां हवाई अड्डा है वहां पर करोड़ों रुपए सरकार खर्च करके बाउंड्री दिलवाई रनवे बनवाया लेकिन वह सब धूल फांक रहा है अब स्मार्ट सिटी के खर्चों से फिर से बाउंड्री बॉल में प्लास्टर व रंग रोगन का काम प्रारंभ हुआ है यह कहीं से सही नहीं है।
भागलपुर के नजदीकी कई जिलों में हवाई सेवा प्रारंभ कर दी गई है या फिर करने की बात चल रही है लेकिन भागलपुर उदासीन है वही भागलपुर को समानांतर पुल देने की बात कही गई थी वह भी फाइल में ही बंद है अब सवाल यह उठता है कि इतनी उदासीनता भागलपुर के ही साथ क्यों?