अजय कुमार
बाढ़ः देश के ‘महारत्न’ का दर्जा प्राप्त सुपर थर्मल पावर परियोजना बाढ़ ‘कोरोना महामारी’ के नाम पर फिसड्डी साबित हुई है। क्योंकि इतनी बड़ी परियोजना में ‘कोरोना संक्रमण’ से निपटने के लिए अब तक मात्र प़ांच आइसोलेशन बेड की ही व्यवस्था की गई है। जिसे ‘ऊंची दुकान की फीकी पकवान’ जैसी ‘मुहावरा’ से भी नवाजा जा सकता है।
जिलाधिकारी पटना के निर्देशानुसार एनटीपीसी परियोजना से आइसोलेशन बेड की निरीक्षण कर लौटे बाढ़ अनुमंडल अधिकारी सुमित कुमार ने बताया कि- निरीक्षण के दौरान एनटीपीसी में अभी तक मात्र 5 आइसोलेशन बेड पाया गया है। महामारी की अपेक्षा आइसोलेशन वेड की कमी को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को अधिक से अधिक आइसोलेशन बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया है!
एनटीपीसी के लोग हो चुके हैं संक्रमित
विदित हो कि एनटीपीसी परियोजना के अंदर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 2 कर्मचारी ‘कोरोना पॉजिटिव’ पाए गए थे। जिसके बाद परियोजना में हड़कंप मच गया था। और परियोजना में कार्यरत कई लोग स्वेच्छा से ‘कोरोना टेस्ट’ कराने सदर अस्पताल बाढ़ पहुंचे थे। जिनका सैंपल लेकर पटना भेजा गया था। जिसमें कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी खबर के मद्देनजर एसडीएम बाढ़ के द्वारा एनटीपीसी में आइसोलेशन बेड का निरीक्षण किया गया।
जानकारी के लिए बता दूं कि एनटीपीसी परियोजना बाढ़ में आज की तारीख में भी हजारों लोग काम कर रहे हैं। इतनी बड़ी तादाद में कार्यरत कर्मचारी की सुरक्षा के लिए मात्र 5 की संख्या में आइसोलेशन बेड का होना कतई उचित नहीं है। इसलिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां के अधिकारियों द्वारा अधिक से अधिक आइसोलेशन बेड की व्यवस्था करने का प्रयास करना चाहिए। ताकि परियोजना प्रभावित क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके।
बेड बढ़ाने के निर्देश
मामले में बाढ़ एसडीएम सुमीत कुमार ने बताया कि उनकी टीम अस्पताल गई थी। जहां आइसोलेशन वार्ड की जांच में सिर्फ पांच बेड की व्यवस्था मिली, जिसके बाद प्रबंधन को बिस्तर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।