एंबुलेंसकर्मियों के हड़ताल पर जाने से बढ़ी परेशानी, कोई ठेले पर, कोई दूसरे तरीके से मरीज को लेकर पहुंचा अस्पताल

Sanjeev Shrivastava

एंबुलेंसकर्मियों के हड़ताल पर जाने से बढ़ी परेशानी, कोई ठेले पर, कोई दूसरे तरीके से मरीज को लेकर पहुंचा अस्पताल

नालंदाः पुलिस द्वारा एक कर्मी की पिटाई को लेकर जिले के सभी एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिसका असर पहले दिन ही नजर आने लगा है। बिहारशरीफ सदर अस्पताल आने के लिए जिले के विभिन्न स्थानों से मरीजों को लाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने से लोग दूसरे विकल्प तलाशते नजर आए।

लॉकडाउन में पहले से नहीं मिल रही गाड़ियां

कोरोना लॉकडाउन के कारण ऑटो और बसों के परिचालन पर रोक लगी हुई है। जिसके कारण सामान्य मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अब गंभीर मरीजों को भी, विशेषकर कोरोना मरीजो को, अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस सहायता प्रदान करता था। लेकिन हड़ताल के कारण ऐसे मरीजों को भी अस्पताल लाना मशक्कत वाला रहा। हालात यह रहे कि एबुलेंस नहीं मिलने के कारण मरीज को लोग ठेले पर लेकर पहुंचे।

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की व्यवस्था

एंबुलेंसकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों को होनेवाली परेशानी को कम करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

यह है पूरा मामला

पुलिस द्वारा एक घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा गया था, लेकिन एंबुलेंसकर्मी ने रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित होने के कारण बिहार शरीफ सदर अस्पताल ले जाने के जगह रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बात कही। इसी बात को लेकर एंबुलेंसकर्मी और पुलिसकर्मियों के बीच कहासुनी हुई। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंसकर्मी के साथ एक मुजरिम की तरह पिटाई कर दी। जिसके विरोध में एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर चले गए।

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