एक्सीडेंट केस में पोस्टमार्टम का 15 घंटे तक इंतजार करते रहे मृतक के परिजन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आदेश का अस्पताल में नहीं हो रहा पालन

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। औरंगाबाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया का आदेश हवा-हवाई साबित हो रहा है। यहां सड़क हादसे में अपनी जान गवा चुके लोगों को 14 से 20 घंटे तक पोस्टमार्टम के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि 15 नवंबर 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर देशवासियों के लिए एक संदेश जारी किया था। जिसमें यह लिखा गया था कि अब अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे पोस्टमार्टम के पैटर्न बदले जाएंगे और देश के सभी अस्पतालों में 24 घंटे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कराई जाएगी।

परंतु केंद्रीय मंत्री के आदेश के 5 महीने बीत जाने के बाद भी यह आदेश बिहार के किसी भी जिले में अमलीजामा नहीं पहन सका। जिसमें औरंगाबाद भी शामिल है। वैसे मृतक के परिजनों को सड़क हादसे या अन्य क्रिमिनल कांडों मे मृत हुए लोगों के शव के पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मे रात रात भर इन्तेज़ार करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सदर अस्पताल मे मंगलवार को देखने को मिला जब एक परिवार को सड़क हादसे मे मृत हुए एक युवक के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए 14 घंटे इन्तेज़ार करना पड़ा।

गौरतलब है कि देव थाना क्षेत्र के भट्ट बीघा गांव के बिगन प्रजापति कुम्हार बीघा गांव से खैरा मंझौली गांव साइकिल से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। तभी तेज रफ्तार से आ रही पिकअप वैन ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। जिसके बाद देर शाम 6 बजे पोस्टमार्टम के लिए उनके शव को सदर अस्पताल लाया गया। उस वक्त से मृतक के परिजनों ने रात भर शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन से गुहार लगाता रहा मगर शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। परिजनों को यह लगा कि सुबह होते हैं शव का पोस्टमार्टम करा दिया जाएगा। मगर वह भी नहीं हो सका जब परिजन थोड़ा आक्रोशित हुए तब जाकर 11 बजे के बाद चिकित्सक पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम हुआ।

औरंगाबाद से रूपेश की रिपोर्ट

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