चंदन पांडेय
गिरिडीह: लगभग 4 महीने का समय एक छोटे से कमरे में। उस कमरे में, जहां 26 लोग एक रखे गए थे। खाने के लिए सिर्फ एक समय का खाना। कुछ ऐसी ही कहानी है दुबई से झारखंड लौटे 26 मजदूरों की, जो कल अपने वतन वापस आ गए।बताया गया कि चार माह पहले लॉकडाउन के कारण दुबई के अबू धाबी में गिरिडीह जिले,बोकारो व हजारीबाग के 26 मजदूर बुरी तरह से फंस गए थे।इन मजदूरों ने प्रवासी ग्रुप के माध्यम से सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी। अच्छी ज़िन्दगी की चाहत हो गई बद्तरसभी मजदूर एनसीसी कंपनी में सप्लायर में काम रहे थे। लेकिन पिछले चार महीने से इनको कोई वेतन नहीं दिया जा रहा था। तनख्वाह मांगने पर तरह-तरह की धमकियां दी जा रही थी।सभी मजदूरों को एक कमरे में बंद करके रखा गया था और महज एक समय खाना दिया जा रहा था।पास में एक रुपये नहीं था और खाने के लाले पड़ रहें थे। परेशान मजदूरों ने एक प्रवासी ग्रुप के माध्यम से भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई थी और भारत के विदेश मंत्री के नाम से संदेश भेजा था। प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने इन मजदूरों से बात कर उन्हें वतन वापसी कराने के लिए मिडिया के माध्यम से सरकार से वतन वापसी की गुहार लगायी थी। दुबई के अबू धाबी से वतन वापसी करनेवाले मजदूर गिरिडीह जिले के बगोदर,हजारीबाग जिले के भी मजदूर हैं।