NEWSPR डेस्क। मोतिहारी नगर निगम की बदहाली का आलम और नालों की जाम की समस्या देखकर यही कहा जा सकता है कि सबकुछ भगवान भरोसे है। नगर निगम में अधिकारी बदलते जा रहे हैं लेकिन सुरते ए हाल बदलने की कोशिश नहीं हो रही है। करोड़ों की लागत से नालों को साफ करने के लिए खरीदी गई मशीनें दिखावे की वस्तु बनकर रह गई है।
एक घंटे की मूसलाधार बारिश से पूरा शहर खासकर हॉस्पिटल रोड, मीनाबाजार और मुहल्लों की तो बात ही बेमानी है। दुकानों में पानी घुस जा रहा है। निचले इलाके में रह रहे लोगो के घरों में बदबूदार पानी घुसकर बीमारी की आशंका को बढ़ा रहा है। जनता से टैक्स वसूली और लाखों की राशि प्रतिमाह सफाई एजेंसियों को देने के बाद भी नालों की हालत खराब है।
सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति का खेल चल रहा है। बता दें कि बिहार में चुने हुए प्रतिनिधियों और निगम प्रमुखों की पावर सीज कर दी गई और जिम्मेवारी जिला प्रसाशन को दी गई पर हालात देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम लूट का अड्डा बन गया है। सदर अस्पताल मोतिहारी में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। पर पूरा अस्पताल परिसर बजबजाती नालियों के बदबूदार पानी को झेलने के लिए विवश है।
मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट