एक तरफ शिक्षा विभाग मे सुधार लाने के लिए के के पाठक रोज नये नये व्यान और फरमान जारी करते रहते है मगर जमीनी हाकिकत कुछ और ही होती है। हम बात कर रहे है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालन्दा की, जहा सरकारी भवन पुरी तरह जर्जर है तो सैकड़ो बच्चे गाँव के नीजी मकान मे एक छोटे से कमरे मे भेड़ बकरियां के तरह पढने को विवश है।
मामला बिहारशरीफ प्रखंड के मुरौरा पंचायत पेढ़का गाँव का है जहा स्कुल भवन पुरी तरह जर्जर हो चुका है।स्कूल की शिक्षिका नाहीद प्रवीन ने बताया की कई बार प्रखंड शिक्षा शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिलाधिकारी तक कई बार आवेदन देने के बाद भी आज तक किसी पदाधिकारी ना तो आज तक कोई कार्यवाई नही किया और नही कभी स्कुल भवन को देखने के लिए आज तक कोई पदाधिकारी आये। जब की एक साल पुर्व विधालय का छत पुरी तरह से जर्जर है दिवार भी कब गिर जाये कोई नही जानता है। बही स्कुल जाने के लिए रास्ता भी भगवान भरोसे है छात्र छात्राएं और शिक्षक तक खेत के पगडंडी के सहारे स्कुल जाते है। गौरतलब है कि पेढ़का गांव से सरकारी स्कूल को बेलछी गांव के किसी सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चों को वहां पढ़ाई करनें जाने में काफी परेशानी होगी।ग्रामीणों की मांग है की इसी इलाके में बच्चो के पढ़ने के लिए सुविधा मुहैया कराया जाय। वही समस्या को लेकर प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है निश्चित तौर पर इस समस्या को दूर किया जाएगा।