NEWSPR डेस्क। सात जन्मों तक साथ जीने एवं मरने की कसम निभाने वाले काफी कम देखे जाते हैं। मुंगेर में बरियारपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में पति की मौत के बाद पत्नी ने भी सदमे में आकर दम तोड़ दिया। ऐसे में लोगों के बीच रतनपुर पंचायत के काजीचक गांव से पति-पत्नी का शव एक साथ निकलने के बाद साथ जीने एवं साथ मरने की कसमें को निभाने की चर्चा क्षेत्र में लोगों के बीच है।
शिक्षक पुत्र रंजीत पासवान के 75 वर्षीय पिता जो पेशे से पशु चिकित्सक थे। डॉ बटेश्वर पासवान की मौत शुक्रवार को देर रात हो गई थी। जिसके बाद शनिवार को उनके शव के अंतिम संस्कार के लिए गंगा घाट ले जाने की तैयारी की जा रही थी कि सदमे में आकर डॉ बसवेश्वर पासवान की 70 वर्षीय पत्नी कृष्णा देवी ने भी दम तोड़ दिया। जिसके बाद दोनों ही पति पत्नी के शव को गंगा घाट में एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
पंचायत की मुखिया पूजा कुमारी, उपसरपंच मुकेश यादव ने बताया कि पति पत्नी का शव एक साथ काजीचक गांव से निकलने के बाद लोगों में यह चर्चा बनी है कि साथ जीने एवं साथ मरने की कसमें को निभाने की कहानी सुनी तो जाती थी लेकिन अब देखने को भी मिली है। जो पूरे पंचायत के साथ आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। डॉ दंपति के इकलौते पुत्र रंजीत पासवान ने दोनों को मुखाग्नि दी।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट