13 अप्रैल को एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल अनिल कुमार सिन्हा से मांगे गए रंगदारी मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी सेंट्रल वैभव शर्मा ने बताया कि एडमिट जनरल से मांगी गई रंगदारी मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने पूरे मामले का अनुसंधान शुरू किया तो अगम कुआं थाना क्षेत्र में इसी तरह का एक मामला पाया गया । पुलिस ने जब अगम कुआं मामले की जानकारी मिलने के बाद इस पूरे मामले में अनुसंधान शुरू किया और एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल के द्वारा दिए गए f.i.r. ट्रांजैक्शन के नंबर मामले की जांच की मोहम्मद फिरोज की भूमिका सामने आई । सिटी एसपी वैभव शर्मा बताते हैं कि दरअसल पूरा मामला यह है कि आज से 1 साल पहले मोहम्मद फिरोज के चचेरे भाई के मृत्यु के बाद उसके कंपनसेशन का के एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल अनिल कुमार सिन्हा देख रहे थे और इसी दौरान मृतक के कंपनसेशन किसे दिया जाए इस मामले को लेकर वादी और एडमिनिस्ट्रेटिव जंगल के बीच विवाद हो गया था । विवाद के कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग मोहम्मद फिरोज ने अपने पास रख लिए थे और घटना के 1 साल बीत जाने के बाद मोहम्मद फिरोज ने एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल को फोन कर धमकी देते हुए खुद को पुलिस वाला बताकर उनसे बतौर 1 लाख रु की रंगदारी की डिमांड की थी और इस दौरान अनिल कुमार सिन्हा ने मोहम्मद फिरोज को डर से 50 हजार रु की अदायगी फिरोज द्वारा बताए गए यूपीआई नंबर पर कर दी थी ।
वैभव शर्मा बताते है कि पुलिस ने जिस अकाउंट में एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल के द्वारा पुलिस को एटीएम से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं उस खाते को फ्रीज कर दिया गया है । पुलिस ने एडमिनिस्ट्रेटिव जनरल द्वारा दिए गए पैसे की स्लिप भी बरामद अरोपित के पास से बरामद कर ली है । पूर्व में भी आरोपी मो फिरोज के खिलाफ इसी तरह के मामले के दो के अगमकुआं और शास्त्री नगर थाने में दर्ज है । फिलहाल आरोपी पर रंगदारी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है ।