भारत माला परियोजना वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस एवं एनएच 219 के अंतर्गत अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा एवं एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ सहायक पथ का निर्माण कराने को लेकर सभी किसान कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट को लगभग तीन घंटे ताला बंद किये थे। घटना की सूचना मिलने के बाद भभुआ थानाध्यक्ष रामानंद मंडल सहित भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे हुए थे। इस दौरान किसानों जिला पदाधिकारी के नाम से डीडीसी को ज्ञापन सौंपा गया। किसानों द्वारा कहा गया कि अगर हम सभी का माग और उचित मुआवजा नहीं मिलता है तो हम सभी किसान राकेश टिकैत के नेतृत्व में पूरे शहर को घेर कर सभी जगह रोड जाम कर देंगे। राकेश टिकैट कैमूर में आने वाले है।
इधर किसानों ने जिला पदाधिकारी कैमूर को सौंप गये ज्ञापन में किसान विमलेश पांडेय, पशुपति नाथ सिंह, श्रवण कुमार पटेल, निर्मल कुमार सिंह, डॉ रामाकांत सिंह, संजय सिंह, अनिल कुमार सिंह, कमला सिंह समेत कई लोगों ने बताया कि कैमूर के किसानों की जमीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे एवं एनएच 219 के अंतर्गत के लिए अधिग्रहित की जा रही है। लेकिन विगत 2013 से अब तक जमीन का सर्किल रेट यथावत किया गया है जिसमें हम सभी किसानों को काफी नुकसान हो रहा है क्योंकि अब तक सक्षम पदाधिकारियों के द्वारा किसानों को देय मूल्य के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है।
जिसमें कैमूर के किसानों में काफी आक्रोश है। इसलिए हम सभी किसान किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आपसे मांग करते हैं कि मुआवजा का निर्धारण करते हुए समय निबंधन नियमावली का पालन किया जाये। विगत दस साल से सर्किल रेट कैमूर में नही बढा है इसलिए प्रतिवर्ष बीस प्रतिशत के हिसाब से बाजार मूल्य को दुना किया जाये। मुआवजे को निर्धारित करते समय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ध्यान में रखा जाये। वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ कैमूर में सहायक पथ का निर्माण कराया जाये। मुआवजा निर्धारण के समय प्रारूप के अनुसार व्यवासियक, शहरी, आवासीय, कृषि भूमि का ध्यान रखा जाये।