पटना डेस्कः एमएलसी सुनील कुमार की कोरोना से हुई मौत को लेकर विपक्ष को एक बार फिर से नीतीश सरकार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुनील कुमार की मौत पर संवेदना जताते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह कोरोना से पीड़ित थे। तेजस्वी ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि की कोरोना से हुई मौत बताती है कि बिहार में किस तरह के हालात हैं। राज्य महामारी और बाढ़ की चपेट में हैं। क्राइसिस की स्थिति है। लेकिन, बिहार के सीएम कहीं नजर नहीं आ रहे है।
मौत पर सरकार को घेरा
एमएलसी सुनील कुमार की मौत पर शोक जताते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के अपने लोग कोरोना के मर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी एनडीए चुनाव की वर्चुअल रैली कर रहे हैं। उन्हे महामारी और बाढ़ से मर रहे लोगों को कोई चिंता नहीं है। अब भी वक्त है कि चुनाव को भूलकर बिहार की प्राकृतिक आपदा से निपटने पर सरकार ध्यान लगाए।
अस्पताल में भर्ती मरीज से हुए मारपीट से नाराज
तेजस्वी ने राज्य के अस्पतालों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पार्टी का एक कार्यकर्ता कोरोना के कारण भर्ती था, जहां बाहर से आए कुछ गुंडों ने अस्पताल में घुसकर मारपीट की। एक कोरोना वार्ड की सुरक्षा का यह हाल था। इस दौरान उन्होंने कुछ दिन पहले पीएमसीएच में युवती के साथ हुए दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अस्पताल में न तो इलाज मिल पा रही है और लोगों को सुरक्षा। यह नीतीश सरकार के सुशासन की सच्चाई है।
अधीक्षक को हटाने से नाराज
तेजस्वी ने लिखा कि बिहार की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था की जांच के लिए केंद्रीय टीम पहुंचती है। जांच में एनएमसीएच के निदेशक उन्हे सच्चाई बताते हैं, नतीजा यह होता है कि उन्हें पद से हटा दिया जाता है। नीतीश सरकार अपनी कामियों को दूर नहीं कर पा रही है और जब कोई उसके बारे में बताता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।