NewsPRlive-मुंगेर महोत्सव के अवसर पर आज मुंगेर डीएम नवीन कुमार प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शहर के कष्टहरणी घाट स्थित श्रीकृष्ण वाटिका पार्क में वृक्षारोपण के लिए गए हुए थे।
इसी दौरान डीएम ने पार्क में सात वर्षीय शिवा मांझी को इधर-उधर कचड़े चुनते देखा। जिसके बाद डीएम ने कचरा चुन रहे शिवा को बुलाया। डीएम ने जैसे ही शिवा को बुलाया डीएम के बुलाते ही शिवा मांझी डर गया और वह भागने लगा।
तभी डीएम के अंगरक्षक ने बच्चे को दौड़ कर पकड़ा और उसे डीएम के समक्ष लाया जिसके बाद डीएम ने उसे काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान शिवा मांझी ने डीएम को बताया कि उसके माता-पिता नहीं है। वह तीन भाई है और वह कचरा चुनकर ही अपने जीवन यापन करता है। जिसके बाद डीएम ने बच्चे से पूछा कि क्या तुम पढ़ना चाहते हो जिस पर बच्चे ने हां में जवाब देते हुए कहा कि पढ़ना चाहता हूं मगर मेरे पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं। उस बच्चे के बात को सुन कर डीएम भावुक हो गए और उस बच्चे को पौधरोपण करने के बाद उसे अपने गाड़ी में बिठा कर सीधे कलेक्ट्रेट ले गए।
इसके बाद उसे बाल कल्याण पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन पर निर्देश देते हुए तुरंत कलेक्ट्रेट आने को कहा। जब बाल कल्याण पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी डीएम के ऑफिस पहुंचे तो डीएम ने इन दोनों पदाधिकारियों को सारी घटना से वाकिफ कराया। इसके बाद डीएम के निर्देश मिलते ही बाल कल्याण पदाधिकारी के द्वारा उसके बच्चे को ले जाकर बाल कटवा कर और नहला कर बच्चे को एक विद्यार्थी जैसा संस्कार बनाकर डीएम के समक्ष लाया।
इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा बाजार से उस बच्चे का स्कूल ड्रेस स्वेटर टोपी स्कूल बैग किताब कॉपी अन्य चीज मंगा कर दिया गया और तुरंत इन दोनों पदाधिकारियों के द्वारा डीएम के समक्ष ले जाया गया। बच्चे के संस्कार बदलते ही सारे पदाधिकारी भी अचंभित हो गए। इसके बाद शिवा मांझी भी अपने आपको काफी खुश महसूस करते हुए कहा कि रोजाना कचरा चुनता था मगर आज डीएम साहब मुझे बुलाकर अपने गाड़ी में उठाकर लेकर चले आए और स्कूल ड्रेस के अलावा पढ़ने के लिए कॉपी किताब बैग दिलवाया। शिवा मांझी ने कहा कि मैं पढ़ लिखकर सैनिक बनूंगा।
शिवा मांझी के भाई बुद्धन मांझी ने बताया कि हम कभी सपनों में भी नहीं सोचे थे कि मेरा शिवा पढ़ पाएगा लेकिन डीएम सर के द्वारा जो आज यह काम किया गया इसके लिए मैं जीवन भर आभारी रहूंगा।
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया गया कि यह बच्चा रोजाना कचरा चुनता था मगर आज जहां डीएम साहब वृक्षारोपण के लिए गए हुए थे वहां भी यह बच्चा कचरा चुन रहा था। जिसके बाद डीएम सर अपने वाहन में इस बच्चे को उठा कर लेते आए और हम लोगों को निर्देश दिए कि इस बच्चे को पढ़ाई के लिए जो भी जरूरी सामान हो इसे अविलंब दिला दें और इसका आज ही सरकारी स्कूल में नाम लिखवा कर कल से इसे नियमित रूप से पढ़ाई करवाएं।