विश्वप्रसिध श्रावणी मेला को लेकर मुंगेर जिला में पड़नेवाले 26 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ पर मुंगेर जिला प्रशासन ने कांवरियों के लिए व्यवस्था तो काफी अच्छी की है परन्तु प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये सारी व्यवस्था हांथी का दांत साबित हो रही है कच्ची कांवरिया पथ पर लोगो को टॉर्च कि रौशनी या दुकानों में लगी लाइटों के सहारे बाबा के घर जाना पड़ रहा और इस बात कि सुध लेने वाला कोई नहीं है।
विश्वप्रसिध श्रावणी मेला को लेकर मुंगेर जिला में कमराय से लेकर कुमरसार तक पड़नेवाले 26 किलोमीटर रास्ते कच्ची कांवरिया पथ पर इनदिनों कांवरियों को टॉर्च या फिर दुकानों में लगी लाइटों के सहारे या यूं कहें कि बाबा भोले के भरोसे चलना पड़ रहा है वैसे तो विश्वप्रसिध श्रावणी मेला को लेकर मुंगेर जिला में पड़नेवाले 26 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ पर मुंगेर जिला प्रशासन ने कांवरियों के लिए व्यवस्था तो काफी अच्छी की है परन्तु प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये सारी व्यवस्था हांथी का दांत साबित हो रही है।जबकि अपर समाहर्ता मुंगेर के ज्ञापंक-1460/रा0,दिनांक-24.6.23 के द्वारा श्रावणी मेला 2023 के अवसर पर जिला क्रय समिति के द्वारा निविदा के मध्यम से न्यू भारतीय शामियाना टेन्ट कॉन्ट्रेक्टर, पटना को कमराय से कुमरसार कांवरिया पथ पूरे 26 किलोमीटर में प्रकाश की व्यवस्था मरकरी,जेनरेटर एवं विधुत सामग्री सहित कार्य करने का ठेका दिया गया है परन्तु ठेकेदार डीजल कि चोरी करने के लिए जेनरेटर को नहीं चलते है जिससे पूरा 26 किलोमीटर का रास्ता अंधकार में डूबा रहता है और अंधेरे में चलने में कांवरियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है एक तो उन्हें जहरीले सांप,बिच्छु का डर बना रहता है तो उसपर से सामानों के चोरी,पॉकेटमारी का डर बना रहता है।इतना होने के बावजूद मुंगेर जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है और लोग बाबा भोले कि भक्ति में सारी दुःख तकलीफों को झेलते हुए बाबा कि नगरी बैजनाथ धाम पहुंच रहे है।