बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत उनके जन्मशताब्दी वर्ष पर भारत रत्न से सम्मानित किया जाना बिहार सहित देश के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना समाज के हाशिये पर खड़े उन तमाम लोगों का सम्मान है जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से समाज की दशा और दिशा बदलने का काम किया।
कर्पूरी ठाकुर जी वह दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे और पिछड़े वर्गों के हितों के हमेशा हिमायती बने रहे। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि मेरी तरफ से तथा जदयू की तरफ से कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिए जाने की लंबे समय से मांग की जा रही थी, जो आज पूरी हो गई। कर्पूरी ठाकुर जी की स्मृतियों को कायम रखने के लिए हमलोगों ने कर्पूरी ठाकुर जी के पैतृक गांव पितौझिया (समस्तीपुर) का नाम उनके सम्मान में बदलकर कर्पूरी ग्राम कर दिया था। हमने हमेशा से अपनी सरकारी और गैर सरकारी सभी सभाओं में कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिए जाने की केंद्र सरकार से मांग करते रहे हैं। कर्पूरी ठाकुर जी दलितों के उत्थान के लिए अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व के साथ भारत के सामाजिक-राजनीतिक अस्तित्व को कायम रखने में अपना भरपूर योगदान दिया था। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान है बल्कि समाज के हर वर्ग का यह सम्मान है। कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजे जाने के लिए मैं केंद्र सरकार को भी धन्यवाद देता हूँ।