कल पांच फरवरी को धूमधाम से पूजे जायेंगे संत शिरोमणि रविदास।

Patna Desk

 

कल यानी पांच फरवरी को कैमूर जिले में धूमधाम से संत शिरोमणि रविदास पूजा मनाया जायेगा। रविदास पूजा का लेकर शनिवार की शाम मूर्तियां को वाहनों पर लादकर ले जाया जा रहा था। कैमूर जिले के भभुआ, मोहनिया समेत सभी जगहों पूजा पंडाल में प्रतिमा स्थापित किया गया है। संत रविदास को कबीरदास का समकालीन माना जाता है। उन्होंने तमाम पदों की रचनाएं कीं। जिन्हें पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल किया गया है।

हर साल माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनायी जाती है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ ये काफी मशहूर कहावत है. इसका अर्थ है कि अगर व्यक्ति का मन शुद्ध है, किसी काम को करने की उसकी नीयत अच्छी है तो उसका हर कार्य गंगा के समान पवित्र है. इस कहावत को लोग अक्सर अपनी बातचीत के दौरान बोलते हैं। ये कहावत संत ​रविदास की है। संत रविदास कबीरदास के समकालीन और गुरुभाई कहे जाते हैं। वे बेहद परोपकारी थे और किसी को ऊंचा या नीचा नहीं मानते थे. मान्यता है कि संत रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था।

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