कांग्रेस का आरोप -बजट 2023-24 लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पूरी तरह चुनावी जुमला।

Patna Desk

 

संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश किया गया आम बजट 2023_24 पूरी तरह अगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बनाए गए बजट चुनावी जुमला, जनविरोधी एवम् लोक लुभावन है, जिससे देश के गरीब, मध्यवर्गीय परिवार को कोई फायदा होने वाली नही है।

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू , पूर्व विधायक मो खान अली, राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, उदय शंकर पालित, शिव कुमार चौरसिया, मो आफताब आलम, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, अमित कुमार उर्फ रिंकू सिंह, मो समद, असरफ इमाम, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, आदि ने कहा की आम बजट 2023- 24 में ना तो किसानों की एम एस पी में कोई बढ़ोतरी की गई, ना ही मजदूरों के मनरेगा योजना की कोई चर्चा हुई, बेरोजगारी दूर करने की कोई पहल नहीं तथा महंगाई कम करने का कोई प्रावधान भी इस जनविरोधी बजट में हुई।

नेताओ ने कहा की किसानों की कर्ज माफ करने की जगह कर्ज देने की राशि बढ़ने की घोषणा तथा डिजिटल सब्जबाग दिखाने, शिक्षा, स्वास्थ, के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, बेरोजारी दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं करने , रेल बजट को गुमनाम कर एक निश्चित रकम रेलवे देने की बाते आम बजट में सामने आई है।

नेताओ ने कहा की आम बजट 2023-24 में बिहार को पूरी तरह उपेक्षा किया गया है, वर्षो पुरानी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की कोई चर्चा नहीं करने,कई लंबित रेल योजाओ के विस्तार के लिए कोई राशि नहीं देने, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं देने, बिहार को आर्थिक पैकेज नही देने,राज्य के टैक्स के हिस्सा से 10 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत लिया जा रहा है।

नेताओ ने कहा की आम बजट 2023-24 में गया से बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई की सीधी ट्रेन चलने की वर्षो पुरानी मांग, गया चतरा सहित कई रेल परियोजनाओं के लिए राशि नहीं देने, वर्षो से शिलान्यास किया हुआ ऐरु स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कार्य शुरू नही होने, विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद सीताकुंड मंदिर के बाद वर्षो से रामायण सर्किट के लिए प्रतावित होने के बाद भी रामायण सर्किट से नहीं जोड़ने, विष्णुपद कोरिडोर पर चुप्पी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेडिकल कॉलेज आदि की मांग की पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया।

नेताओ ने कहा की जनवरी 2024 तक अन्नतोदय योजना के तहत मुफ्त अनाज की बातो को हाइलाइट किया जा रहा है,जबकि यूपीए सरकार में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक लाकर देश के सभी गरीबों को मुफ्त अनाज देने की बहुत ही पुरानी योजना है।

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