किसान परिवार के साथ बर्बरता बरतनेवाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ होगी उच्चस्तरीय जांच, नप गए गुना के आइजी, कलेक्टर और एसपी

Sanjeev Shrivastava

भोपालः गुना के कैंट थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के एक किसान परिवार पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। जिसके कारण दबाव में आई शिवराज चौहान सरकार ने गुना के आइजी, कलेक्टर और एसपी को जिले से हटा दिया है और मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही है। बता दें कि पुलिस की बर्बर रवैये के बाद किसान दंपती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस पूरे का विडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से शेयर किया जा रहा है.

गुना में किसान परिवार के साथ जिस तरह से पुलिस बर्बर रवैया अपनाया, उसकी सभी ने आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में राज्य की पुलिस के काम पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं गुना के पूर्व सांसद और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती सहित दूसरे नेताओं ने भी इस घटना को विभत्स करार दिया।

हटाए गए अधिकारी

 गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आइजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आइजी व 26 वीं वाहिनी गुना के सेनानी राजेश कुमार सिंह को नया एसपी बनाया गया है।देर शाम मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ गुना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश दे दिए। देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और गृह विभाग ने आइजी राजाबाबू सिंह व पुलिस अधीक्षक नायक को हटा दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विडियो

इस पूरी घटना का विडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है। जिसमें सभी किसान परिवार के साथ पुलिस के व्यवहार का विरोध जता रहे हैं। खुद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर विडियो शेयर कर राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं।

Share This Article