NEWSPR DESK- गर्मी हो या सर्दी कुछ भी अगर ज्यादा मात्रा में पड़े तो फसल खराब होने लगती है। प्रखंड क्षेत्र व आसपास के इलाकों में पीला सोना के रूप में विख्यात मक्का की उचित कीमत नहीं मिलने से किसान अपने आप को काफी ठगा महसूस कर रहे हैं। मक्का की कीमत कम रहने से किसानों को लागत मूल्य भी निकालना असंभव दिख रहा है। लिहाजा मक्का उत्पादक किसान जहां दिनोंदिन आर्थिक रूप से कमजोर होकर कर्जदार होते जा रहे हैं। वहीं, नकदी फसलों में शुमार मक्का की खेती से किसानों का मोहभंग होता जा रहा है।
पुरैनी के आलोक कुमार, रंजन यादव, राजीव कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र सहित आसपास के इलाके के 75 प्रतिशत किसान आर्थिक समृद्धि का द्वार खुलने की आशा जताकर नकदी फसल के रूप में मक्का की बृहत पैमाने पर खेती करते हैं।