रोहतास शहर के तकिया स्थित बाजार समिति के प्रांगण में मंगलवार को जिला कृषि विभाग की ओर से दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर उप विकास आयुक्त शेखर आनंद एवं सासाराम नगर निगम की मेयर सत्यवंती देवी को जिला कृषि विभाग की ओर से पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। जिसके बाद दोनों ने उपस्थित पदाधिकारीयों के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम के संबोधन में डीडीसी ने कहा कि आज कृषि यांत्रिकीकरण को अपनाने की सख्त आवश्यकता है। जिस अनुपात में देश की जनसंख्या बढ़ रही है उस हिसाब से हमारी उत्पादकता दिन-प्रतिदिन घट रही है। इसलिए कृषि यांत्रिकीकरण को नैसर्गिक रूप से अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रोहतास जिला धान का कटोरा कहा जाता है तथा यहां की हरियाली व खेती पूरे प्रदेश में विशेष महत्व रखती है। वहीं किसानों से कृषि यांत्रिकीकरण को अपनाने की अपील करते हुए डीडीसी ने कहा कि पराली प्रबंधन भी जिले के लिए गंभीर चुनौती है। सभी किसान पराली प्रबंधन के दिशा निर्देशों का पालन करें। अन्यथा पराली जलाने की सूचना मिलती है तो संबंधित लोगों की विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज कृषि क्षेत्र में नई तकनीक, उन्नत बीज, उर्वरक का इस्तेमाल एवं फसलों की अच्छे से देखभाल कर उत्पादकता को बढ़ाया जा रहा है। जिसके लिए किसानों को जागरुक होना अति आवश्यक है। वहीं कृषि मेले में विभिन्न कृषि यंत्रों के लगाए गए स्टालों का भी डीडीसी सहित उपस्थित पदाधिकारीयों ने बारी-बारी से निरीक्षण किया तथा कृषि यंत्रों से संबंधित जानकारियां ली। इस दौरान कृषि यांत्रिकीकरण मेले के माध्यम से उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों एवं पदाधिकारियों द्वारा अत्याधुनिक कृषि यंत्रों, बिहार राज्य फसल सहायता योजना, धान अधिप्राप्ति योजना, समेकित पोषक तत्व, समेकित कृषि प्रणाली, रबी फसलों की वैज्ञानिक खेती, पशुपालन, कृषि ऋण योजना, फसल अवशेष प्रबंधन, उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजना, रबी मौसम में उर्वरक की आवश्यकता, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, सॉइल हेल्थ कार्ड, कृषि यांत्रिकीकरण आदि से संबंधित बहुमूल्य जानकारियां उपस्थित किसानों, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार आदि को दी गई। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी रामबाबू, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मवीर सिंह, आत्म निदेशक सहित अन्य पदाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक व काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।