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कैमूर का लाल बना इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संगीत का एसोसिएट प्रोफेसर।

कैमूर के भगवानपुर प्रखंड के पढ़ौती गांव में एक सामान्य परिवार में जन्मे डा. सुरेन्द्र कुमार ने अपने संकल्प और परिश्रम से बनाया मुकाम। उनके पिता हरिनाथ राम सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।

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डाक्टर सुरेन्द्र रामरंग संगीत परंपरा की तीसरी पीढ़ी के कलाकार हैं। उनके गुरु डॉ. रामशंकर जी संगीत मनीषी वग्याकर पंडित रामाश्रय झा (रामरंग) जी के शिष्य हैं। इससे पूर्व डॉ. सुरेन्द्र कुमार, सिक्किम केन्द्रीय विश्वविद्यालय गंगटोक के संगीत विभाग में वरिष्ठ सहायक आचार्य पद पर कार्यरत थे।

भभुआ से मैट्रिक, इंटर और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस के संगीत एवं मंच कला संकाय से संगीत स्नातक, स्नातकोतर और दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली के संगीत एवं ललित कला संकाय से एम.फिल और पीएच.डी. (पूर्वांचल की विभिन्न लोक कलाओं पर) किया है | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जूनियर रिसर्च फेलोशिप भी इन्हें प्राप्त हैं। विगत 12 वर्षों से संगीत सहायक आचार्य पद पर कार्य कर रहे है।

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काशी विद्यापीठ वाराणसी के संगीत विभाग में अतिथि प्रवक्ता, जोधपुर विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य संगीत विभागाध्यक्ष, सिक्किम केन्द्रीय विश्वविद्यालय गंगटोक के संगीत विभाग में वरिष्ठ सहायक आचार्य के रुप में संगीत साधना के बाद इस सप्ताह इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर उनकी नियुक्ति हुई है।

देश और विदेश के विभिन्न समाचार पत्रों एवं राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में अनेकों संगीत शोध आलेख इनके प्रकाशित है । देश के कई राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार और कार्यक्रमों में मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान, शोधपत्र वाचन और प्रस्तुतियाँ दी है। विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों द्वारा आयोजित सांगीतिक कार्यशालाओं में प्रशिक्षक के रूप में कार्य किये है | कनिष्क प्रकाशन दिल्ली से (भोजपुरी संस्कृति एवं लोकनाटयों में सांगीतिक परम्परा) पुस्तक प्रकाशित है और पुस्तक भारती टोरंटो कनाडा से तीन अंतरराष्ट्रीय बुक प्रकाशित हुई हैं जिसमें कलसामृत, शिल्प प्रवाह और भारतीय कला संवर्धनम संपादित इहोनें किया है । साथ हीं कई प्रतिष्ठित समितियों और संस्थानो में सदस्य/सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं| भारतीय संस्कृति संवर्धन समिति चेयरमैन (निर्भया सेना) भी रहे हैं | देश और विदेश के विभिन्न संस्थानों द्वारा कई अवार्ड/सम्मान महत्वपूर्ण पुरस्कारों से भी सम्मानित हैं | देश के अनेकानेक प्रतिष्ठित मंचों/TV चैनलों और अनेकानेक समारोहों में विविध सांगीतिक प्रस्तुतियां भी दिये है और निरंतर दे रहे हैं| साथ ही भारतीय फिल्म इंडस्ट्रीज दिल्ली एवं मुंबई में इन्होने पांच वर्षों तक संगीत सहायक निर्देशन के रूप में कार्य/अनुभव भी प्राप्त किया है।

रेडक्रॉस चेयरमैन डा. रामेश्वर प्रसाद सिंह, सचिव प्रसून कुमार मिश्र, आईएमए जिलाध्यक्ष डा. दिनेश्वर कुमार सिंह मण्टू, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रविंद्र नाथ चौबे, भभुआ नगर परिषद् चेयरमैन बब्लू तिवारी, वरीय कांग्रेस नेता अनिल तिवारी, सांसद प्रतिनिधि देवलाल पासवान, भगवानपुर प्रमुख प्रतिनिधि मण्टू सिंह, प्रखण्ड मुखिया संघ अध्यक्ष उपेन्द्र पाण्डेय, पढ़ौती मुखिया प्रतिनिधि मण्टू शुक्ल सहित जिले के तमाम बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों नै डा. सुरेन्द्र कै कठिन संघर्ष कि सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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