कैमूर के डीटीओ पर लगाया गया ट्रक पार कराने की एवज में रुपए लेने का बड़ा आरोप, डीटीओ के गुर्गे विकास सिंह और भभुआ के पूर्व प्रखंड प्रमुख पति कमलेश सिंह पर भी लगा गंभीर आरोप।

Patna Desk

 

सोन नदी से निकलने वाला बालू सिर्फ बालू ही बनकर नहीं रह गया। आज यह बालू पीला सोने के नाम से विख्यात हो गया है। इस पीले सोने के लिए घाट से लेकर मंडी तक जद्दोजहद की जाती है। बालू के ओवरलोडिंग का खेल ऐसा यह है कि इंट्री माफिया बालू का अवैध धंधा करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं। हालांकि एंट्री मासियों का हौसला बुलंद करने में अधिकारी भी पीछे नहीं है। इन अधिकारियों के साथ गांठ और कमीशन खोरी के कारण एंट्री माफिया धड़ल्ले से बालू का अवैध कारोबार करने में लीन रहते हैं। अधिकारियों के मिलीभगत का उदाहरण एक बार फिर कैमूर जिले में आया है। कैमूर जिले के जिला परिवहन पदाधिकारी के ऊपर ट्रक को पार कराने के लिए पैसा देने का गंभीर आरोप ट्रक चालक के मालिक ने लगाया है। एक ट्रक के चालक ने कैमूर जिले के कलेक्ट्रेट पहुंच जिला पदाधिकारी से शिकायत किया गया ट्रक मालिक दीपक सिंह ने बताया है कि अपने दो ट्रकों को पार कराने के लिए हर बार जिला परिवहन पदाधिकारी के गुर्गे विकास सिंह और भभुआ के पूर्व प्रखंड प्रमुख कमलेश सिंह को ₹4000 प्रति ट्रक के माध्यम से दिया जाता था। पिछले माह दो ट्रकों के एवज में 8000 रुपैया डीटीओ साहब के गुर्गों को दिया गया। इस दौरान हमारा दोनों ट्रक पिछले माह किसी के द्वारा नहीं पकड़ा गया लेकिन इस बार डीटीओ साहब द्वारा मेरा ट्रक पकड़ लिया गया। पिछले दो माह से मेरा ट्रक नहीं पकड़ा जा रहा था। लेकिन इस बार मेरा दोनों ट्रक पकड़ लिया गया है। डीटीओ साहब चाहते हैं कि इस का जुर्माना यही भरु। साहब के नाम पर पहले से ही इंट्री चला आ रहा था। लेकिन इस बार ऐसा क्या हो गया कि साहब हमारे दोनों ट्रकों को पकड़ लिए। कुदरा थाना में इंट्री माफिया विकास सिंह के ऊपर ट्रकों के इंटर कराने के मामले में प्राथमिकी दर्ज है। और इसमें कमलेश सिंह का भी नाम शामिल है। कैमूर जिले में बालू लदे ट्रकों को पार कराने के मामले में अलग-अलग रेट एंट्री माफियाओं द्वारा निर्धारित किया गया है। ट्रक मालिक ने कहा कि डीएम से फरियाद लगाने आए हैं कि कि जब हम दोनों ट्रक को चलाने के एवज में पैसे दिए थे तो इस बार मेरे दोनों ट्रक को क्यों पकड़ा गया इसका चालान कैमूर डीटीओ ही भरे।

– क्या कहते है जिला परिवहन पदाधिकारी

उपरोक्त मामले में जब जिला परिवहन पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लगाया जा रहा सभी आरोप बेबुनियाद है। जब ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है या कार्रवाई की जाती है। तो इस तरह के आरोप लगाए जाते हैं। इस आरोप में कोई दम नहीं है।

संबंध किसी से किसी का हो सकता है तो उसका मतलब यह नहीं कि वह गलत है।

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