NEWSPR डेस्क। कैमूर में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला में टीबी रोग के प्रति जनजागरूकता लाकर वर्ष 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। यह एक सामाजिक दायित्व है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आमजनों की सहभागिता भी जरूरी है। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार टीबी रोगियों को चिह्नित करने, जांच व इलाज सहित निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने का काम किया जा रहा है।
इस कड़ी में कोई भी आम नागरिक निक्षय मित्र बन टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी जिम्मेदारी निभा सकता है। निक्षय मित्र कार्यक्रम का उद्देश्य टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी पोषण एवं चिकित्सीय जरूरतों को पूरा करना है। समाज में टीबी रोगियों के प्रति भेदभाव के नजरिया को बदलना भी इस कार्यक्रम का एक प्रमुख लक्ष्य है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति डिजिटल पोर्टल पर निक्षय मित्र बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। सरकार द्वारा निक्षय हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है जहाँ फोन कर इस संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। नंबर है 1800-11-6666।
टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी सहायता कई तरीके से की जा सकती है। टीबी मरीजों से भावनात्मक संबंध होना महत्वपूर्ण है। टीबी मरीज को यह विश्वास दिलायें कि नियमित दवा सेवन से वे जल्द ठीक हो सकते हैं। दवा सेवन के प्रति लापरवाही बरतने से टीबी गंभीर हो जायेगा। टीबी के लक्षणों में सबसे प्रमुख खांसी है। 2-3 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहता है। खांसी के साथ खून आता है, ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति को टीबी जांच की सलाह दें, उनकी अस्पताल ले जाने में मदद करें।
सामाजिक दायित्व के तहत मरीजों के अस्पताल आनेजाने, इलाज और खानपान का खर्च उठा सकते हैं। टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए प्रेरित करें तथा उनके आहार का प्रबंधन करें। बेहतर खानपान के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली 500 रुपये राशि दिलाने में मदद करें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति तथा फेफड़ों के किसी अन्य संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को टीबी का जोखिम अधिक होता है। यदि ऐसे लोग आसपास हैं तो उन्हें यह जानकारी दें।
टीबी रोग लाइलाज नहीं है। दवा सेवन से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है। इसे ध्यान में रख मरीजों के प्रति होने वाले सामाजिक भेदभाव को को दूर करने के लिए लोगों को सही जानकारी दें। टीबी के प्रति भ्रांतियों को दूर करें। टीबी मरीजों को सरकारी सहायताओं की जानकारी दें। पंचायती तथा अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि टीबी से पीड़ित मरीजों की आर्थिक सामाजिक रूप से मदद कर सकते हैं। समाज के प्रतिनिधि होने के कारण वे पूरे समुदाय में सही जानकारी देकर टीबी उन्मूलन की दिशा में अलख जगा सकते हैं। इससे समुदाय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
कैमूर/भभुआ से ब्रजेश दुबे की रिपोर्ट