कोरोना का इलाज कर रहे नीजि स्वास्थ्यकर्मियों का होगा 50 लाख का बीमा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने की घोषणा

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By PR Desk

पटना। भारत सरकार के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रुपये बीमा का लाभ निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और कोविड मरीजों का उपचार कर रहे अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी मिलेगा। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ उन निजी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों, पारा मेडिकल स्टाफ एवं कर्मियों को मिलेगा, जिनकी असामयिक मृत्यु कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान होगी। इसका लाभ जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित निजी अस्पतालों को ही मिलेगा। सूबे में अभी ऐसे 120 अस्पताल चिह्नित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से निजी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्साकर्मियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
डॉक्टरों व मरीजों के परिजन को 15 तक मिलेगा मुआवजा


कोरोना से जान गंवाने वाले डॉक्टरों और सामान्य मरीजों के परिजनों को मुआवजे की राशि का जल्द भुगतान किया जाएगा। 15 अगस्त तक सभी लंबित भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
पांच और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच मशीनें लगाई जाएंगी


बिहार के पांच और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच मशीनें लगाई जाएंगी। इसके माध्यम से राज्य में प्रतिदिन एक लाख से अधिक कोरोना जांच हो सकेगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल मधेपुरा, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर, राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बेतिया और पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा में आरटी पीसीआर मशीनें लगाने का निर्णय लिया है।


मंत्री ने कहा कि मुख्य्मंत्री के निर्देशानुसार एक लाख सैम्पल की प्रतिदिन जांच के लक्ष्य को विभाग पूरा करने में जुटा है। देश के अन्य राज्यों में 80 से 85 फीसदी कोरोना के संक्रमण की जांच एंटीजन किट से हो रही है। बिहार में भी एंटीजन किट से जांच की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। राज्य में मंगलवार तक 92 हजार से अधिक सैम्पल की जांच की गई है। आरटीपीसीआर और कोबास के आने के बाद जांच की क्षमता बढ़ जाएगी।

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