NEWSPR डेस्क। देश भर में कोरोना की तीसरी लहर के साथ ही एक बार फिर से लोगों के बीच डर और भय का माहौल बन गया है। भारत में ऑमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि बताया जा रहा कि ऑमिक्रोन ज्यादा घातक नहीं है लेकिन फिर भी इससे बचने के तमाम कवायद लोगों को करना जरूरी है। जिसके लिए इस वायरस के लक्षण और इससे जुड़ी तमाम जानकारियां लोगों के पास होनी चाहिए।
ऑमिक्रॉन के लक्षण
बहुत ज्यादा थकान- कोरोना के पहले के वैरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन की वजह से बहुत ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। थकान और कम एनर्जी के वजह से रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत आ सकती है। इसकी सही वजह जानने के लिए कोरोना का टेस्ट करा लें।
हल्का बुखार- डॉक्टर कोएत्जी के अनुसार, ओमिक्रॉन के मरीजों को हल्का बुखार हो रहा, जो अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसे हम लो ग्रेड फीवर भी कहते। सावधानी फिर भी जरूरी है।
गले में चुभन- दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर, एंजेलिक कोएत्जीका कहना है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज गले में खराश की जगह चुभन का अनुभव कर रहे हैं, जो असामान्य है। गले में खराश और चुभन काफी हद तक एक तरह ही हो सकते हैं।
रात को पसीना आना और शरीर में दर्द- दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग ने ओमिक्रॉन के लक्षणों को दो नई बातों को शामिल किया है। पहला ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति को रात के समय पसीना आता है। रात को आने वाला ये पसीना इतना ज्यादा होता है कि इससे आपके कपड़े या बिस्तर तक गीले हो जाते हैं, भले ही आप किसी ठंडी जगह पर लेटे हों। इसके साथ ही पूरे शरीर में तेज दर्द महसूस हो सकता है।
सूखी खांसी- ओमिक्रॉन के मरीजों को सूखी खांसी भी हो सकती है। ये एक ऐसा लक्षण है जो कोरोना के अब तक के सभी स्ट्रेन में देखा गया है।
कोरोना से थोड़े अलग इसके लक्षण
एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर एम्स के डॉ पुनेट के अनुसार ओमिक्रॉन में सांस जुड़ी दिक्कत नहीं होती क्योंकि ये शायद फेफड़ों में जाकर बढ़ने का काम नहीं कर रहा है। वहीं नए वैरिएंट में ना तो मरीजों को खाने का स्वाद या सुगंध जा रहा और ना ही बंद या भरी नाक जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं। ओमिक्रॉन के मरीजों को बहुत तेज बुखार भी नहीं हो रहा है। मरीजों में सांस से जुड़ी कोई दिक्कत भी नहीं देखने को मिल रही है।